Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को अब तीन साल होने वाले हैं. हालांकि, दोनों ही तरफ से जबरदस्त हमलों का दौर जारी है. इस बीच यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को लेकर नवनिर्विचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से गुरुवार (7 नवंबर) को एक फोन कॉल की. इस बातचीत के दौरान, ट्रंप ने पुतिन को युद्ध को और बढ़ाने से बचने की सलाह दी, साथ ही यह भी याद दिलाया कि यूरोप में अमेरिका की सैन्य मौजूदगी काफी महत्वपूर्ण है.
यह बातचीत व्हाइट हाउस और रूसी सरकार के सूत्रों के अनुसार हुई थी, जैसा कि द वाशिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट किया है. बताया जा रहा है कि यह कॉल एक दिन पहले, बुधवार (6 नवंबर) को, ट्रंप द्वारा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से की गई बातचीत के बाद हुई. हालांकि, ट्रंप ने अपनी राष्ट्रपति पद की चुनावी मुहिम के दौरान यह दावा किया था कि वह युद्ध को "एक दिन के अंदर" खत्म कर सकते हैं, लेकिन इस फोन कॉल में उन्होंने कोई ठोस समाधान नहीं पेश किया.
यूक्रेन ने कॉल की जानकारी से किया इनकार
इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने इस कॉल की पूर्व सूचना होने के दावों को खारिज कर दिया. इस दौरान मंत्रालय के प्रवक्ता हेओरही टिखी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "यूक्रेनी पक्ष को इस कॉल के बारे में पहले से सूचित किए जाने की रिपोर्ट गलत है. इसलिए, यूक्रेन ने इस कॉल का समर्थन या विरोध नहीं किया है.
अमेरिका का नजरिया और बाइडन की स्थिति
वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का उद्देश्य सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को सुनिश्चित करना. ऐसे में वे यूक्रेन के मामले में ट्रंप से आगामी मुलाकात में अपना समर्थन जारी रखने का वादा करते हैं. उन्होंने यह भी कहा, "बाइडन के पास अगले 70 दिनों में कांग्रेस और आने वाली प्रशासन को यह समझाने का मौका होगा कि अमेरिका को यूक्रेन से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से यूरोप में और अधिक अस्थिरता पैदा हो जाएगी.
पुतिन की शर्तें और यूक्रेन का विरोध
क्रेमलिन ने शुक्रवार को पुष्टि की कि पुतिन ट्रंप से यूक्रेन पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन साथ ही यह भी साफ किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि रूस अपनी शर्तों में कोई बदलाव करेगा. दरअसल, पुतिन ने 14 जून को युद्ध खत्म करने के लिए जिन शर्तों का प्रस्ताव रखा था, उनमें यूक्रेन का NATO से दूर रहना और रूस द्वारा दावा किए गए चार इलाकों से अपनी सेनाओं को हटाना शामिल है. हालांकि, यूक्रेन ने इन शर्तों को अस्वीकार कर दिया है और इसे अस्वीकार्य बताया है. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक "विजय योजना" पेश की है, जिसमें पश्चिमी सहयोगियों से सैन्य समर्थन बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है.