US President Election: लगता है डोनाल्ड ट्रम्प जीत कर भी हार जाएंगे. अपना पद नहीं संभाल पाएंगे. लेकिन ऐसा कब और किन हालातों में हो सकता है चलिए जानते हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में उपराष्ट्रपति का चुनाव सीधे तौर पर नहीं होता, बल्कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्वारा चुना गया उपराष्ट्रपति तभी पद पर बैठता है जब राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं. उपराष्ट्रपति अमेरिका का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद होता है, और वह राष्ट्रपति के न रहने की स्थिति में देश की बागडोर संभालता है.
यह स्थिति अमेरिकी राजनीतिक व्यवस्था का एक विशेष हिस्सा है और इसे कई बार देखा गया है जब उपराष्ट्रपति ने बचे हुए कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति की जिम्मेदारियां निभाई हैं.
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आगामी चुनाव जीत गए हैं, लेकिन उनकी बढ़ती उम्र (77 वर्ष) और स्वास्थ्य संबंधी सवाल उन्हें राष्ट्रपति की भूमिका को लेकर असमंजस में डाल सकते हैं. ऐसी स्थिति में, उनके द्वारा चुने गए उपराष्ट्रपति जेडी वेंस जैसे युवा और जोशीले नेता उनकी अनुपस्थिति में कार्यभार संभाल सकते हैं.
अमेरिका में उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के अनुकूल और विश्वासपात्र व्यक्ति के रूप में चुना जाता है, जो जरूरत पड़ने पर किसी भी स्थिति में राष्ट्रपति की सभी ज़िम्मेदारियों को संभाल सके. अमेरिका में यह कई बार हो चुका है कि स्वास्थ्य या अन्य कारणों से राष्ट्रपति अपने पद का त्याग कर चुके हैं, और उपराष्ट्रपति ने उस पद की बागडोर संभाली है.
ट्रंप चुनाव जीते हैं तो यह प्रश्न उठता है कि क्या वह 20 जनवरी तक अपनी स्थिति को पूरी तरह से संभाल पाएंगे. यह मजाकिया जरूर लगता है, लेकिन ट्रंप की उम्र और उनकी स्वास्थ्य स्थिति इसे एक गंभीर विषय बनाते हैं.
जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हो जाता है और नए राष्ट्रपति की घोषणा हो जाती है, तब निवर्तमान राष्ट्रपति का एक विशेष 75-दिन का कार्यकाल शुरू होता है, जिसे 'लेम डक' पीरियड कहा जाता है. यह कार्यकाल चुनाव परिणामों के बाद से लेकर नए राष्ट्रपति के पदभार ग्रहण करने तक चलता है.
जानकारी के लिए बता दें कि उप राष्ट्रपति ही राष्ट्रपति बन सकता है. अगर निर्वाचित राष्ट्रपति की किसी घटना में मौत हो जाए. 20 जनवरी को प्रेसीडेंट की शपथ से पहले अगर ऐसा हो जाता है तो निर्वाचित उपराष्ट्रपति को 20 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई जाएगी. हालांकि ये बस सोशल मीडिया पर लोगों की राय है. ऐसा होगा या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा.