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India Daily

'अमेरिका सिर्फ अमेरिकियों का...एक भी इंडियन नहीं जो...', यूएस नेता ने ट्रंप से लगाई भारतीयों को देश से निकालने की गुहार, बयान से मचा बवाल

US Politician Calling to Deport All Indians: अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में भारतीयों को लेकर एक नेता की विवादित टिप्पणी ने बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. स्थानीय नेता चैंडलर लैंगविन ने डोनाल्ड ट्रंप से अपील करते हुए कहा कि 'सभी भारतीयों के वीजा रद्द कर दिए जाएं और उन्हें देश से बाहर निकाल दिया जाए.'

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Edited By: Kuldeep Sharma
Chandler Langevin
Courtesy: social media

US Politician Calling to Deport All Indians: फ्लोरिडा के नेता चैंडलर लैंगविन ने सोशल मीडिया पर भारतीयों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि 'एक भी भारतीय ऐसा नहीं जो अमेरिका की परवाह करता हो.'

इस बयान के बाद उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया और उन्हें समितियों से हटा दिया गया. बाद में उन्होंने सफाई दी कि उनकी टिप्पणी अस्थायी वीजा धारकों के लिए थी, लेकिन आलोचना थमने का नाम नहीं ले रही.

भारतीयों के खिलाफ नफरत भरा बयान

अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा के स्थानीय नेता चैंडलर लैंगविन ने एक्स पर कई पोस्ट किए, जिनमें उन्होंने भारतीयों को अमेरिका से बाहर निकालने की बात कही. अपने पोस्ट में लैंगविन ने लिखा, 'एक भी भारतीय ऐसा नहीं जो संयुक्त राज्य अमेरिका की परवाह करता हो. वे यहां सिर्फ हमारा आर्थिक शोषण करने और भारत को समृद्ध बनाने आए हैं. अमेरिका सिर्फ अमेरिकियों के लिए है.'

इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भारी विरोध हुआ. कई अमेरिकी नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों ने इसे नस्लभेदी और विभाजनकारी करार दिया.

ट्रंप से लगाई 'भारतीयों को देश से निकालने' की गुहार

लैंगविन ने 2 अक्टूबर को अपने जन्मदिन पर एक्स पर एक और विवादित पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, 'आज मेरा जन्मदिन है और मेरी बस यही इच्छा है कि डोनाल्ड ट्रंप सभी भारतीयों के वीजा रद्द कर दें और उन्हें तुरंत निर्वासित कर दें.' यह पोस्ट वायरल होते ही उनके खिलाफ लोगों में गुस्सा भड़क उठा. अमेरिका में भारतीय समुदाय सबसे तेजी से बढ़ता हुआ प्रवासी समूह है, और ट्रंप समर्थक होने के बावजूद कई भारतीय उनके बयानों से आहत दिखाई दिए.

सिटी काउंसिल ने लगाई फटकार

बढ़ते विवाद के बाद फ्लोरिडा की सिटी काउंसिल ने चैंडलर लैंगविन को औपचारिक रूप से फटकार लगाई. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अब लैंगविन किसी भी मुद्दे को एजेंडे में शामिल करने से पहले आम सहमति लेंगे. उन्हें स्थानीय समितियों से हटा दिया गया है और काउंसिल के अन्य सदस्यों पर टिप्पणी करने से भी रोका गया है. काउंसिल के एक सदस्य ने कहा, 'ऐसे बयानों का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है. यह हमारे साझा मूल्यों और लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है.'

बयान से पलटे लैंगविन, कहा- 'गलत समझा गया'

लगातार विरोध के बाद लैंगविन ने सफाई दी कि उनकी टिप्पणी भारतीय-अमेरिकी समुदाय पर नहीं, बल्कि अस्थायी वीजा धारकों पर थी. उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को संदर्भ से काटकर पेश किया गया है. हालांकि, लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. कई संगठनों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की है और सोशल मीडिया पर हैशटैग #StopIndianHate ट्रेंड करने लगा है.

अमेरिका में बढ़ रही ‘इंडियन हेट’ पॉलिटिक्स?

विशेषज्ञों का मानना है कि लैंगविन का बयान एक बड़े सामाजिक रुझान की ओर इशारा करता है. अमेरिका में हाल के वर्षों में भारतीय और एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ घृणा अपराधों में तेजी आई है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी राजनीति में ऐसे बयान 'वोट बैंक ध्रुवीकरण' की कोशिश हैं. हालांकि, भारतीय समुदाय ने एकजुट होकर इसे 'भेदभाव की नई सियासत' करार दिया है.