menu-icon
India Daily

अमेरिका-चीन के बीच व्यापार घाटा कम करने को लेकर हुई डील, भारत के लिए क्या है मायने

अमेरिकी कोषाध्यक्ष स्कॉट बेसेंट ने रविवार को जिनेवा में दो दिन की बातचीत के बाद इसे "पर्याप्त प्रगति" करार दिया. उन्होंने कहा कि समझौते का विवरण सोमवार को घोषित किया जाएगा

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
US-China reach agreement to reduce trade deficit

अमेरिका और चीन ने व्यापार युद्ध को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति जताई है. अमेरिकी कोषाध्यक्ष स्कॉट बेसेंट ने रविवार को जिनेवा में दो दिन की बातचीत के बाद इसे "पर्याप्त प्रगति" करार दिया. उन्होंने कहा कि समझौते का विवरण सोमवार को घोषित किया जाएगा और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को इन "उत्पादक वार्ताओं" के परिणामों की पूरी जानकारी है.

व्यापार घाटे में कमी का लक्ष्य
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने इस समझौते को "हमारे चीनी भागीदारों के साथ हुआ एक सौदा" बताया, जो अमेरिका के 1.2 ट्रिलियन डॉलर के वैश्विक व्यापार घाटे को कम करने में मदद करेगा. ग्रीर ने कहा, "जैसा कि कोषाध्यक्ष ने बताया, यह दो दिन बहुत रचनात्मक रहे. यह समझना महत्वपूर्ण है कि हम कितनी जल्दी सहमति पर पहुंचे, जो शायद यह दर्शाता है कि मतभेद उतने बड़े नहीं थे जितना सोचा गया था." उन्होंने चीनी अधिकारियों को "कठिन वार्ताकार" भी बताया.

जिनेवा में ऐतिहासिक बैठक
यह बैठक विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच पहली आमने-सामने की बातचीत थी, जिन्होंने एक-दूसरे के सामानों पर 100% से अधिक टैरिफ लगाए थे. स्विट्जरलैंड के कॉलोनी उपनगर में संयुक्त राष्ट्र के स्विस राजदूत के गेटेड विला में यह वार्ता हुई. व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हासेट ने फॉक्स न्यूज को बताया, "चीनी पक्ष बहुत उत्सुक है और व्यापार संबंधों को सामान्य करने के लिए तैयार है."

ट्रम्प का सकारात्मक रुख
राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस वार्ता को "दोनों देशों के हित में एक पूर्ण रीसेट" करार दिया. उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, "स्विट्जरलैंड में चीन के साथ आज बहुत अच्छी बैठक हुई. कई मुद्दों पर चर्चा हुई, बहुत कुछ तय हुआ. हम चाहते हैं कि चीन अमेरिकी व्यवसायों के लिए खुल जाए. बहुत बड़ी प्रगति हुई!!!"

भविष्य की संभावनाएं
हासेट ने संकेत दिया कि ब्रिटेन के साथ हाल के समझौते के बाद अन्य देशों के साथ भी व्यापार सौदे जल्द हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "ये सभी सौदे ब्रिटेन समझौते जैसे हैं, लेकिन प्रत्येक अद्वितीय है." यह समझौता अमेरिका के 295 बिलियन डॉलर के चीन के साथ व्यापार घाटे को कम करने की दिशा में एक कदम है.