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India Daily

US Canada Trade Deal: फिलिस्तीन को अलग राष्ट्र की मान्यता देने से कनाडा पर भड़के ट्रंप, व्यापार से किया इनकार

डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा की फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते में बाधा बताया है. कनाडा ने 80वीं UN महासभा में फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की है, साथ ही शांति और सुधारों के प्रति फिलिस्तीनी प्रतिबद्धता का हवाला दिया है.

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Edited By: Km Jaya
Donald Trump and Mark Carney
Courtesy: Social Media

US Canada Trade Deal: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा की ओर से फिलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देने की घोषणा पर कड़ा एतराज जताया है. ट्रंप ने इसे अमेरिका-कनाडा व्यापार समझौते के लिए बहुत कठिन करार दिया है और चेतावनी दी है कि यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को जटिल बना सकता है.

गुरुवार को ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, 'वाह! कनाडा ने अभी फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की है. इससे हमारे लिए उनके साथ व्यापार समझौता करना बहुत कठिन हो जाएगा. ओह, कनाडा!'

Donald Trump statement
Donald Trump statement Social Media

नया व्यापार समझौता

कनाडा और अमेरिका के बीच एक नया व्यापार समझौता अब तक नहीं हो पाया है. ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अब तक कनाडा के साथ कोई समझौता नहीं हुआ है, जिससे यह संकेत मिला कि वार्ताएं ठप हैं. यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका द्वारा 35 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने की समयसीमा नजदीक आ रही है.

कनाडा के प्रधानमंत्री की घोषणा

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने घोषणा की कि देश 80वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फिलिस्तीन को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा. यह कदम दो-राष्ट्र समाधान के प्रति कनाडा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कार्नी ने बताया कि फिलिस्तीनी अथॉरिटी ने 2026 में लंबे समय से लंबित चुनाव कराने और हमास को बाहर रखने जैसे अहम सुधारों का आश्वासन दिया है. साथ ही, फिलिस्तीनी राज्य को सैन्य रूप से प्रयोग न करने की भी प्रतिबद्धता जताई गई है. कार्नी ने यह भी स्पष्ट किया कि कनाडा इजराइल के शांतिपूर्ण अस्तित्व के अधिकार को मान्यता देता है, लेकिन एक स्थायी शांति के लिए फिलिस्तीन का व्यावहारिक और स्थिर राष्ट्र होना आवश्यक है.

मानवीय संकट के प्रति अंतरराष्ट्रीय चिंता 

यह कदम फ्रांस द्वारा पहले से दी गई मान्यता और ब्रिटेन की सशर्त समर्थन के बाद उठाया गया है. इसके पीछे गाजा में जारी मानवीय संकट के प्रति अंतरराष्ट्रीय चिंता एक अहम कारण रही है. मार्क कार्नी ने हाल ही में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी.