यूक्रेन-अमेरिका मिनरल डील पर सस्पेंस खत्म? बड़ी डील से बदलेगा युद्ध के बाद का खेल, क्या अमेरिका को मिलेगा खास फायदा?

Ukraine-US Agreement: समझौते के मसौदे से पता चलता है कि अमेरिका को भविष्य में यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों के सौदों में प्राथमिकता मिल सकती है. यह समझौते का एक महत्वपूर्ण बिंदु हो सकता है.

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Anvi Shukla

Ukraine-US Agreement: यूक्रेन और अमेरिका ने एक अहम समझौता किया है, जिसके तहत दोनों देश मिलकर युद्ध से बर्बाद हुए यूक्रेनी इलाकों का पुनर्निर्माण करेंगे. इस समझौते के तहत एक संयुक्त फंड बनाया जाएगा, जिससे यूक्रेन की टूटी अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे को दोबारा खड़ा किया जाएगा.

इस समझौते के ड्राफ्ट से यह बात सामने आई है कि अमेरिका को यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों जैसे खनिजों के भविष्य के सौदों में प्राथमिकता दी जा सकती है. हालांकि, यह बिंदु विवाद खड़ा कर सकता है क्योंकि यूक्रेन पहले ही आर्थिक रूप से कमजोर है और दुनिया के अन्य देशों से मदद ले रहा है.

अमेरिका का साफ संदेश रूस को

इस समझौते की जानकारी अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने दी. उन्होंने कहा, 'जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा है, अमेरिका इस बेरहम युद्ध को खत्म करने में यूक्रेन की पूरी मदद करेगा. यह समझौता रूस को यह बताता है कि ट्रंप प्रशासन यूक्रेन की स्वतंत्रता और समृद्धि के साथ खड़ा है.' उन्होंने यह भी कहा कि जो देश या व्यक्ति रूस की युद्ध मशीन को समर्थन देते हैं, उन्हें यूक्रेन के पुनर्निर्माण से कोई फायदा नहीं मिलेगा.

यूक्रेन की सफाई: हमारी जमीन, हमारे संसाधन

यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री यूलिया स्विरिडेंको ने इस समझौते को वाशिंगटन में औपचारिक रूप दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'यूक्रेन के क्षेत्र और समुद्री सीमा में मौजूद सभी संसाधनों पर सिर्फ हमारा अधिकार रहेगा.' उन्होंने साफ किया कि 'क्या और कहां खनन करना है, यह फैसला सिर्फ यूक्रेन करेगा. समझौते में भी यही बात साफ-साफ लिखी गई है.'

समझौते में देरी क्यों हुई?

यूक्रेन और अमेरिका इस डील पर जनवरी से बातचीत कर रहे थे, जब डोनाल्ड ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बने. हालांकि फरवरी में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की अमेरिका यात्रा के दौरान ओवल ऑफिस में हुई तीखी बातचीत के बाद समझौते पर हस्ताक्षर टल गए थे.