अमेरिका ने यूक्रेन की पीठ में घोंपा छुरा, रूस के साथ मिलकर शांति प्रस्ताव में कर दिया बड़ा खेल!
अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध समाप्ति के लिए 28 सूत्रीय शांति योजना पेश की, जिसमें रूस के हित शामिल थे. इस योजना पर अमेरिकी अधिकारियों और सांसदों में संदेह बढ़ा, जबकि यूक्रेन पर हस्ताक्षर न करने पर सैन्य सहायता रोकने की चेतावनी दी गई.
नई दिल्ली: यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए तैयार की गई अमेरिका की 28 सूत्रीय शांति योजना हाल ही में चर्चा के केंद्र में है. रूस ने इस दस्तावेज को अक्टूबर 2025 में उस समय सार्वजनिक किया, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच वॉशिंगटन में मुलाकात हुई थी. अब खुलासे में सामने आया है कि इस योजना की सामग्री रूसी शर्तों से काफी मेल खाती है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन द्वारा जारी किए गए 28 बिंदुओं का आधार कथित तौर पर वही रशियन ड्राफ्ट था, जिसे पहले मास्को ने वार्ता में प्रस्तुत किया था. यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका ने युद्ध खत्म करने की योजना के लिए रूसी दस्तावेज पर क्यों भरोसा किया, लेकिन रिपोर्ट कहती है कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी समीक्षा की थी.
अमेरिकी अधिकारियों का मानना था कि मास्को की मांगें, जिनमें यूक्रेन से अपने कुछ पूर्वी क्षेत्रों को छोड़ने जैसी बातें शामिल थीं, किसी भी हाल में कीव स्वीकार नहीं करेगा. यही वजह है कि इसे 'गैर-पत्र' (Non-Paper) की श्रेणी में रखा गया, जिसे आम तौर पर औपचारिक प्रस्ताव नहीं माना जाता.
मॉस्को और वॉशिंगटन के बीच गुप्त बातचीत के संकेत
रिपोर्ट के मुताबिक, दस्तावेज साझा किए जाने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बातचीत की थी. इसी बीच, ट्रम्प ने लिखा कि उन्होंने अपने विशेष दूत स्टीव विटकॉफ को पुतिन से मिलने के लिए मॉस्को भेजने का निर्देश दिया है, जबकि अमेरिकी सेना सचिव डैन ड्रिस्कॉल उसी दौरान यूक्रेनी नेतृत्व से मुलाकात करेंगे.
अमेरिकी सांसदों और अधिकारियों में गहरा संदेह
पिछले सप्ताह एक्सियोस की रिपोर्ट के बाद अमेरिकी अधिकारियों और सांसदों में शंका बढ़ गई है. कई का मानना है कि यह योजना दरअसल रूस की मांगों का एक विस्तृत मसौदा है, न कि एक स्वतंत्र और संतुलित अमेरिकी प्रस्ताव. इसके बावजूद अमेरिकी प्रशासन की ओर से यह भी खबर सामने आई कि यदि यूक्रेन इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करता, तो उसकी सैन्य सहायता खतरे में पड़ सकती है.
गुप्त बैठक में बना था मसौदा
सूत्रों के अनुसार, शांति योजना की रूपरेखा पिछले महीने मियामी में तैयार की गई थी. इस बैठक में ट्रम्प के दामाद जेरेड कुशनर, अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और रूस के किरिल दिमित्रिएव मौजूद थे. रिपोर्ट यह भी कहती है कि व्हाइट हाउस और स्टेट डिपार्टमेंट के भीतर बहुत कम लोगों को इस बातचीत के बारे में जानकारी दी गई थी.
अगले कदम पर अनिश्चितता
अमेरिकी दबाव, यूक्रेन की असहमति और रूसी प्रभाव के आरोपों के बीच इस योजना का भविष्य अनिश्चित है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह दस्तावेज वास्तव में रूसी ड्राफ्ट पर आधारित है, तो इससे अमेरिका की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठ सकते हैं और यूक्रेन युद्ध के कूटनीतिक समाधान पर भी असर पड़ सकता है.
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