अमेरिका में ब्रिटिश राजदूत पीटर मैंडेलसन को गुरुवार को उनके पद से हटा दिया गया. यह कार्रवाई उन ईमेल्स के सामने आने के बाद की गई, जिनमें उनके और अमेरिकी फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन के बीच गहरे संबंधों का खुलासा हुआ. एपस्टीन नाबालिगों के यौन शोषण और तस्करी जैसे मामलों में दोषी पाया गया था.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने जैसे ही ये ईमेल्स देखे, उन्होंने विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया. हाउस ऑफ कॉमन्स में विदेश कार्यालय मंत्री स्टीफन डौटी ने कहा कि ईमेल्स से साफ है कि मैंडेलसन और एपस्टीन के रिश्ते उनकी नियुक्ति के समय ज्ञात तथ्यों से कहीं अधिक गहरे थे. इस कारण प्रधानमंत्री ने उन्हें राजदूत पद से हटाने का निर्णय लिया.
पीटर मैंडेलसन पहले भी विवादों में घिरे रह चुके हैं. लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की सरकार में अहम भूमिका निभा चुके मैंडेलसन पर लंबे समय से एपस्टीन से करीबी संबंध रखने के आरोप लगते रहे हैं. एक किताब के विमोचन के दौरान उनका लिखा एक पत्र भी सामने आया था, जिसमें उन्होंने एपस्टीन को अपना सबसे अच्छा दोस्त' बताया था.
ब्रिटिश अखबार 'द सन' ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें मैंडेलसन के ईमेल्स का जिक्र था. इन ईमेल्स में वह एपस्टीन को 'जल्दी रिहाई के लिए लड़ने' की सलाह दे रहे थे. एक अन्य ईमेल में उन्होंने लिखा था कि 'मैं तुम्हारे बारे में बहुत सोचता हूं.' इन खुलासों ने ब्रिटिश राजनीति और कूटनीति में भूचाल ला दिया.
जेफरी एपस्टीन एक अमेरिकी करोड़पति फाइनेंसर था, जिस पर किशोरियों के यौन शोषण और तस्करी के गंभीर आरोप लगे. 2008 में उसे नाबालिग से वेश्यावृत्ति कराने के मामले में 18 महीने जेल की सजा हुई थी. 2019 में फिर से गिरफ्तारी के बाद उसने मैनहटन जेल में आत्महत्या कर ली. उसके खिलाफ चल रहे मामलों में कई प्रभावशाली नेताओं और हस्तियों के नाम भी जुड़े, जिससे यह प्रकरण और विवादास्पद बन गया.