नई दिल्ली: इजराइल और हमास के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के बाद हाल ही में युद्धविराम लागू हुआ है. इसी बीच तुर्की ने इजराइल पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जनसंहार के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.
इस्तांबुल अभियोजक कार्यालय ने शुक्रवार को बयान जारी करते हुए बताया कि कुल 37 संदिग्धों के खिलाफ यह वारंट जारी किया गया है. इनमें इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन गवीर और सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जामिर के नाम शामिल हैं. हालांकि, बाकी नामों की सूची फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है.
तुर्की ने इन अधिकारियों पर “गाजा में व्यवस्थित जनसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध” करने का आरोप लगाया है. बयान में “तुर्की-फिलिस्तीन मित्रता अस्पताल” का भी जिक्र किया गया, जिसे तुर्की ने गाजा में बनाया था और मार्च में इजराइल की बमबारी में यह नष्ट हो गया था. बता दें, तुर्की ने पहले भी दक्षिण अफ्रीका के उस मामले में भाग लिया था जिसमें इजराइल पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में जनसंहार के आरोप लगाए गए थे.
तुर्की के इस कदम पर इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि इजराइल तानाशाह राष्ट्रपति एर्दोआन के इस नए पब्लिसिटी स्टंट को सख्ती से खारिज करता है. सार ने आरोप लगाया कि एर्दोआन के शासन में तुर्की की न्यायपालिका केवल राजनीतिक विरोधियों और पत्रकारों को दबाने का साधन बन चुकी है. उन्होंने इस्तांबुल के मेयर एकरेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी का उदाहरण भी दिया.
तुर्की के इस कदम का हमास ने स्वागत किया है. संगठन ने कहा कि “यह फैसला तुर्की की जनता और उसके नेतृत्व की महान मानवीय भावना और न्यायप्रिय सिद्धांतों को दर्शाता है. ”
इस सप्ताह इस्तांबुल में कई मुस्लिम-बहुल देश इकट्ठा हुए थे, जहां गाजा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) पर चर्चा की गई. माना जा रहा है कि यह बल डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पेश की गई 20 प्वाइंट गाजा शांति योजना का हिस्सा है.
वहीं, अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने स्पष्ट किया कि गाजा में किसी भी विदेशी सैनिक की तैनाती के लिए इजराइल की सहमति आवश्यक होगी. तुर्की के इस कदम ने इजराइल-तुर्की संबंधों में एक बार फिर तनाव बढ़ा दिया है, जबकि मध्य पूर्व में शांति की कोशिशें अब और चुनौतीपूर्ण होती दिख रही हैं.