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India Daily

रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने का ट्रंप का नया फॉर्मूला, रूस के हित में जेलेंस्की पर बनाया दबाव!

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए 28 सूत्रीय नई शांति योजना पेश की है और स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के पास इसे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए एक व्यापक और विवादित 28 सूत्रीय योजना प्रस्तुत की है, जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी है.

यह योजना कई मायनों में रूस के हितों के करीब बताई जा रही है, जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पर इसे स्वीकार करने का दबाव बढ़ रहा है. ट्रंप ने संकेत दिया है कि युद्ध जारी रखने की क्षमता अब यूक्रेन में सीमित हो चुकी है और शांति की राह इसी नई योजना से होकर गुजरती है.

ट्रंप का युद्ध रोकने का नया दावा

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेश की गई यह योजना 28 बिंदुओं पर आधारित है, जिसका लक्ष्य रूस-यूक्रेन युद्ध को तुरंत समाप्त करना बताया जा रहा है. ट्रंप ने ओवल ऑफिस में मीडिया से कहा कि यह योजना 'शांति की दिशा में सबसे व्यावहारिक रास्ता' है और जेलेंस्की को इसे स्वीकार करना ही होगा. यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने बिना यूक्रेन की सहमति के युद्ध खत्म करने का दावा किया है, लेकिन इस बार योजना को अधिक औपचारिक और दबावपूर्ण तरीके से पेश किया गया है.

जेलेंस्की को मिली स्पष्ट चेतावनी

ट्रंप ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि यूक्रेन के राष्ट्रपति अगले गुरुवार तक इस योजना पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे. उन्होंने दो टूक कहा कि यूक्रेन अब लंबे समय तक युद्ध जारी रखने की स्थिति में नहीं है. ट्रंप के मुताबिक, भ्रष्टाचार और युद्ध मैदान की चुनौतियों ने यूक्रेन को बेहद कमजोर किया है. वहीं रूस लगातार उसकी ऊर्जा अवसंरचना को निशाना बना रहा है, जिससे आने वाली सर्दियों में स्थिति और कठिन हो सकती है.

जेलेंस्की और ट्रंप के बीच सीधी बात नहीं

ट्रंप द्वारा योजना सार्वजनिक किए जाने के बाद से दोनों नेताओं के बीच कोई सीधी बातचीत नहीं हुई है. जेलेंस्की ने अपने संबोधन में कहा कि वह बेहद कठिन दौर का सामना करने जा रहे हैं या तो उन्हें गरिमा खोने का जोखिम उठाना होगा या अपने सबसे महत्वपूर्ण साझेदार को खोने का खतरा. हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में ट्रंप से बातचीत संभव है, लेकिन माहौल में तनाव साफ झलक रहा है.

क्या है योजना का विवादित हिस्सा

सबसे विवादित शर्त यह है कि यूक्रेन को अपने पूर्वी डोनबास क्षेत्र का बड़ा हिस्सा रूस को देने पर सहमति जतानी होगी. यह वही इलाका है जिसका बड़ा भाग अभी भी यूक्रेन के नियंत्रण में है. ट्रंप की मांग के अनुसार, यूक्रेन को अपनी सेना के आकार में भारी कटौती भी करनी होगी और यूरोपीय देशों को यह भरोसा देना होगा कि वह उसे कभी नाटो में शामिल नहीं करेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि यह रूस की प्रमुख मांगों से मेल खाती है.

यूक्रेन के लिए सबसे कठिन समय?

जेलेंस्की के अनुसार, देश अपने इतिहास के सबसे चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है. लगातार बमबारी ने बिजली और ऊर्जा ढांचे को बुरी तरह प्रभावित किया है. युद्ध के तीसरे वर्ष में पहुंचते-पहुंचते आर्थिक दबाव, सैन्य थकान और अंतरराष्ट्रीय समर्थन में गिरावट की आशंका ने यूक्रेन की स्थिति और नाजुक बना दी है. ऐसे में ट्रंप की योजना यूक्रेन के लिए मजबूरी बन सकती है, भले ही वह राष्ट्रीय हितों पर समझौता जैसा लगे.

अमेरिका की रणनीति और वैश्विक संदेश

अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की यह योजना अमेरिका की नई भू-राजनीतिक रणनीति का संकेत भी हो सकती है- जहां वह यूरोप में अपने सैन्य और आर्थिक बोझ को कम करना चाहता है. साथ ही यह संदेश भी कि अगर यूक्रेन शांति चाहता है, तो उसे कठोर फैसले लेने होंगे. ट्रंप चाहते हैं कि यह युद्ध 2026 से पहले खत्म हो जाए ताकि अमेरिका अपने घरेलू मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सके.

क्या है आगे का रास्ता?

अब सभी की निगाहें यूक्रेन के राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं. अगर जेलेंस्की ट्रंप की योजना को मानते हैं, तो यह युद्ध समाप्त हो सकता है- लेकिन यूक्रेन को भू-भाग और सुरक्षा से जुड़े बड़े समझौते करने पड़ेंगे. वहीं अगर वह इसे खारिज करते हैं, तो यह जोखिम रहेगा कि अमेरिका का समर्थन कमजोर पड़ जाए. ऐसी स्थिति में रूस और अधिक साहसिक सैन्य कदम उठा सकता है.