7 जुलाई को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात ईरान-इजरायल तनाव के बाद दोनों नेताओं की पहली बैठक होगी, जिसमें गाजा में युद्धविराम और ईरान से संबंधित मुद्दों पर गहन चर्चा होगी.
गाजा में युद्धविराम पर जोर
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने की ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है. सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) की मध्य पूर्व निदेशक मोना याकूबियन ने बताया, "डोनाल्ड ट्रंप गाजा में युद्धविराम को प्राथमिकता दे रहे हैं, और यह मुद्दा दोनों नेताओं की बैठक में सबसे ऊपर रहेगा." हमास ने भी अमेरिका के युद्धविराम प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया है, जिसमें बंधकों की रिहाई और संघर्ष समाप्ति पर बातचीत शामिल है.
ईरान पर रणनीतिक चर्चा
ट्रंप ने कहा कि वह नेतन्याहू के साथ ईरान पर भी विचार-विमर्श करेंगे. मोना याकूबियन के अनुसार, "ट्रंप और नेतन्याहू दोनों ईरान को लेकर समान विचार रखते हैं और पहले भी मिलकर सैन्य कार्रवाई कर चुके हैं." ऐसे में दोनों नेता ईरान के खिलाफ भविष्य की रणनीति पर एकजुट हो सकते हैं.
अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात
नेतन्याहू इस दौरे में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, पश्चिम एशिया दूत स्टीव विटकॉफ, और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक से भी मिलेंगे. ये मुलाकातें क्षेत्रीय स्थिरता और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण होंगी.
मुलाकात का वैश्विक महत्व
मोना याकूबियन ने कहा, "नेतन्याहू की यह यात्रा न केवल ईरान में सैन्य कार्रवाई की सफलता को दर्शाएगी, बल्कि गाजा में युद्धविराम की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम होगी." यह मुलाकात ट्रंप के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे इसे मध्य पूर्व में शांति स्थापक के रूप में अपनी छवि मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रहे हैं. पूरी दुनिया की नजर इस बैठक पर टिकी है, जो क्षेत्रीय शांति और सहयोग की नई दिशा तय कर सकती है.