ट्रम्प प्रशासन ने सोमवार को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की सभी संघीय फंडिंग रोकने की धमकी दी. प्रशासन का कहना है कि उनकी जांच में पाया गया कि यूनिवर्सिटी ने यहूदी छात्रों के नागरिक अधिकारों का उल्लंघन किया है.
यहूदी छात्रों के साथ भेदभाव
ट्रम्प प्रशासन ने एक पत्र में कहा कि हार्वर्ड ने यहूदी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ यहूदी-विरोधी उत्पीड़न में “जानबूझकर हिस्सा लिया”. पत्र के अनुसार, यूनिवर्सिटी ने कैंपस में यहूदी-विरोधी माहौल को बढ़ने दिया. यह नागरिक अधिकार कानूनों का उल्लंघन है, जो कॉलेजों को नस्ल या राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव से बचाने का आदेश देता है.एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, पत्र में चेतावनी दी गई, “अगर तुरंत पर्याप्त बदलाव नहीं किए गए, तो हार्वर्ड की सभी संघीय वित्तीय सहायता बंद हो जाएगी.”
ट्रम्प बनाम हार्वर्ड
हार्वर्ड पहले ही 2.6 बिलियन डॉलर से अधिक की संघीय फंडिंग खो चुका है, क्योंकि उसने ट्रम्प की मांगों को ठुकरा दिया था. मई में, ट्रम्प ने हार्वर्ड पर विदेशी छात्रों की संख्या सीमित करने का दबाव बनाया. उन्होंने कहा, “अमेरिकी छात्र हार्वर्ड में दाखिला नहीं ले पाते क्योंकि वहां विदेशी छात्रों की संख्या 31% है. इसे 15% तक सीमित करना चाहिए.” ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड का स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम प्रमाणन रद्द कर दिया, जिससे यूनिवर्सिटी अब विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकती. हार्वर्ड ने इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए ट्रम्प प्रशासन पर मुकदमा दायर किया. यूनिवर्सिटी ने कहा, “सरकार ने एक झटके में हमारे 25% छात्रों, यानी विदेशी छात्रों को प्रभावित किया, जो हमारे मिशन में योगदान देते हैं.”
बातचीत का नया दौर
इस महीने की शुरुआत में, ट्रम्प ने कहा कि हार्वर्ड ने उनके प्रशासन के साथ बातचीत शुरू की है. उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “हार्वर्ड ने बहुत उचित व्यवहार दिखाया है और सही दिशा में काम करने को प्रतिबद्ध लगता है.” उन्होंने कहा कि अगर समझौता होता है, तो यह “ऐतिहासिक” होगा.