menu-icon
India Daily

कैसे डूबा 19वीं सदी का सबसे बड़ा जहाज टाइटैनिक? 113 साल बाद नहीं खुला एक राज; 1,500 लोगों को खा गई थी वो काली रात

टाइटैनिक की घटना ने कई पुस्तकों, कलाकृतियों और फिल्मों को प्रेरित किया है. जिसमें जीन नेगुलेस्को द्वारा निर्देशित और क्लिफ्टन वेब और बारबरा स्टैनविक द्वारा अभिनीत 1953 की फिल्म टाइटैनिक भी शामिल है. 1955 में वाल्टर लॉर्ड द्वारा लिखी गई एक गैर-काल्पनिक पुस्तक, जिसका शीर्षक ए नाइट टू रिमेंबर था, टाइटैनिक की घटना पर आधारित थी. इस विषय पर कई वृत्तचित्र भी बनाए गए हैं.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Titanic Remembrance Day
Courtesy: Pinterest

Titanic Remembrance Day: 15 अप्रैल 1912 की रात को शायद ही कोई भूल पाएगा. यही वो काली रात थी जिसने 15 सौ से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला दिया. 19वीं सदी का सबसे बड़ा जहाज जो 24 सौ से अधिक लोगों को लेकर निकला था. लेकिन अपनी मंजिल तक पहुंचने से पहले ही डूब गया. इस जहाज में कई बड़े चेहरे मौजूद थे उस जमाने के. यह हादसा इतना बड़ा का इस पर अब तक फिल्में बन चुकी हैं और किताबें भी लिखी जा चुकी हैं. टाइटैनिक जहाज उस समय दुनिया का सबसे बड़ा यात्री जहाज था.

 15 अप्रैल 1912 की रात को, अपनी पहली ही यात्रा के दौरान, यह एक आइसबर्ग से टकरा गया और डूब गया। इस हादसे में 1500 से अधिक लोग मारे गए थे. इस हादसे से जुड़े कई सवाल हैं जो कि अब तक राज बने हुए हैं. इतने साल बाद भी कई लोगों को नहीं पता है कि टाइटैनिक का पूरा नाम किया था. कई लोगों को लगता है कि टाइटैनिक टकराते के साथ ही डूब गया था लेकिन ऐसा नहीं है. 

जहाज कैसे डूबा?

यह जहाज अपने चार दिन की यात्रा के लिए निकला था. चार दिन बाद 14 अप्रैल 1912 की आधी रात 11:40 बजे जहाज एक आइसबर्ग से टकरा गया. जहाज टकराने के करीब 2 घंटे 40 मिनट के बाद 15 अप्रैल को उत्तरी अटलांटिक महासागर में पूरी तरह डूब गया और अपने साथ सबको ले गया.

इस जहाज का पूरा नाम?

टाइटैनिक जहाज का पूरा नाम हर कोई नहीं जानता है. लेकिन अक्सर ये सवाल पूछे जाते हैं. जहाज का पूरा नाम ‘RMS टाइटैनिक’ था. यहां  RMS का मतलब ‘रॉयल मेल शिप’ है. ये अपने नाम से ही खुद के बारे में बताने के लिए काफी था. आरएमएस टाइटैनिक अपने समय का सबसे बड़ा जहाज था. यह एक ब्रिटिश यात्री जहाज था, और इसे 'अचूक' माना जाता था. टाइटैनिक का स्वामित्व व्हाइट स्टार लाइन के पास था और इसे बेलफास्ट, आयरलैंड में द हारलैंड एंड वोल्फ शिपयार्ड द्वारा बनाया गया था. इंग्लैंड के साउथेम्प्टन से अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर तक की इसकी पहली यात्रा का बहुत प्रचार हुआ था और इस जहाज पर अमीर और मशहूर लोग सवार थे.

हालांकि, जैसा कि किस्मत में लिखा था, 14 अप्रैल, 1912 की रात को टाइटैनिक जहाज एक हिमखंड से टकराया और 2,224 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के साथ डूब गया। इनमें से 1,500 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई, जो इसे अब तक की सबसे दुखद दुर्घटनाओं में से एक बनाता है. इतनी सारी जानें जाने का मुख्य कारण पर्याप्त लाइफ़बोट और जीवन रक्षक सामग्री की कमी बताया जाता है.

टाइटैनिक 

इस त्रासदी के बाद से 15 अप्रैल को राष्ट्रीय टाइटैनिक स्मरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. ताकि टाइटैनिक डूबने से मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जा सके.

टाइटैनिक फ़िल्में और किताबें 

टाइटैनिक की घटना ने कई पुस्तकों, कलाकृतियों और फिल्मों को प्रेरित किया है. जिसमें जीन नेगुलेस्को द्वारा निर्देशित और क्लिफ्टन वेब और बारबरा स्टैनविक द्वारा अभिनीत 1953 की फिल्म टाइटैनिक भी शामिल है. 1955 में वाल्टर लॉर्ड द्वारा लिखी गई एक गैर-काल्पनिक पुस्तक, जिसका शीर्षक ए नाइट टू रिमेंबर था, टाइटैनिक की घटना पर आधारित थी. इस विषय पर कई वृत्तचित्र भी बनाए गए हैं.

लेकिन सबसे हालिया और प्रसिद्ध काम निर्देशक जेम्स कैमरून की कई ऑस्कर पुरस्कार विजेता फीचर फिल्म टाइटैनिक (1997) है. इस त्रासदीपूर्ण और खूबसूरत प्रेम कहानी में लियोनार्डो डिकैप्रियो और केट विंसलेट ने अपनी अब तक की प्रतिष्ठित भूमिकाओं में अभिनय किया.