Syria Civil War: सीरियाई गुट हयात तहरीर अल-शाम ने अलावी मुस्लिम समुदाय से आने वाले बशर अल असद को सत्ता से हटाते हुए राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया है. इस बीच खबर आ रही है कि, सीरिया में विद्रोहियों ने दमिश्क के पास स्थित जैनब के श्राइन पर हमला कर दिया है, जो शिया मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पूर्व में हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी ने शिया धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का वादा किया था.
सीरियाई विद्रोहियों द्वारा इस स्थान पर हमले ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है, खासकर जब शिया समुदाय और उनके समर्थक इस हमले को गंभीर रूप से देख रहे हैं. HTS और उसके प्रमुख अबू मोहम्मद अल-जोलानी का इतिहास अल कायदा और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा है. ये गुट कट्टरपंथी सुन्नी सलाफी विचारधारा को मानता है. उन्होंने पहले दावा किया था कि वह शिया धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.
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— Open Source Intel (@Osint613) December 11, 2024
Syrian rebels have breached Zeinab’s shrine near Damascus, despite Joulani’s promise to protect Shiite religious sites.
Khamenei is not going to be happy. pic.twitter.com/jqjVKFqGvj
अबू मोहम्मद अल-जोलानी का वादा और इसके क्या होंगे परिणाम?
HTS और उसके प्रमुख अबू मोहम्मद अल-जोलानी के इस वादे का उद्देश्य शिया-सुन्नी मतभेदों को कम करना और युद्ध के दौरान धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की स्थिति को सुधारना था. हालांकि, ज़ैनब के श्राइन पर हुए इस हमले ने इस वादे की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
शिया समुदाय की दरगाह पर ज्यादा आस्था
सैय्यदा जैनब दरगाह दक्षिणी दमिश्क में स्थित है और शिया समुदाय के लिए काफी महत्वपूर्ण है. सीरियाई विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा किया तो इस धार्मिक स्थल की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई थी. देश में करीब 14 साल से चल गृह युद्ध में शिया लड़ाके असद सरकार का समर्थन करते रहे थे. ऐसे में विद्रोहियों के उन पर हमला करना का खतरा था.