Sweden School Shooting: स्वीडन के केंद्रीय शहर ओरेब्रो में मंगलवार को एक मास शूटिंग हुई, जिसमें करीब दस लोग मारे गए, जिनमें हमलावर भी शामिल था. स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने इस हमले को देश का "सबसे बुरी मास शूटिंग" कहा और घटना के कुछ घंटों बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर रिस्पॉन्स दिया. उन्होंने कहा, "यह स्वीडन की हिस्ट्री की सबसे बुरी मास शूटिंग है. कई सवाल अभी भी बिना जवाब के हैं, और मैं भी उनका जवाब नहीं दे सकता. लेकिन वह समय आएगा जब हम जानेंगे कि क्या हुआ, यह कैसे हुआ और इसके पीछे क्या कारण हो सकते थे. कृपया कोई अफवाह न फैलाएं."
स्वीडिश पुलिस ने कहा कि "स्वीडन में स्कूल शूटिंग में लगभग 10 लोग मारे गए," जिसके बाद एक बड़े पैमाने पर पुलिस ऑपरेशन शुरू किया गया. अधिकारियों ने लोगों से इलाके से दूर रहने की अपील की.
पुलिस ने शुरुआती बयान में कहा, "स्कूल में शूटिंग हुई है. चार लोग गोली से घायल हुए हैं. चोटों की स्थिति क्लियर नहीं है. ऑपरेशन जारी है." कुछ ही मिनटों बाद, उन्होंने यह जानकारी दी कि एक और व्यक्ति को गोली मारी गई थी. घटना स्थल से आई तस्वीरों में भारी पुलिस बल दिखाई दिया. स्कूल के बाहर कई एम्बुलेंस और इमरजेंसी व्हीकल खड़े थे. यह एडल्ट एजुकेशन सेंटर स्टॉकहोम से लगभग 200 किलोमीटर (125 मील) पश्चिम में स्थित है.
कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया कि संदिग्ध हमलावर ने खुद को गोली मार ली थी. हालांकि पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि पांच लोग गोली लगने से घायल हुए थे, जिनमें से एक को हमलावर माना जा रहा था. ओरेब्रो पुलिस प्रमुख रॉबर्टो ईड फॉरेस्ट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम यह नहीं कह सकते कि अन्य संदिग्ध हैं, लेकिन हम इस पर काम कर रहे हैं. यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा क्यों हुआ और क्या और संदिग्ध हो सकते हैं."
फॉरेस्ट ने यह भी कहा कि पुलिस को स्कूल शूटिंग की पहली रिपोर्ट दोपहर 12:33 बजे (1133 GMT) मिली, लेकिन यह पुष्टि नहीं हो सकी कि हमला अंदर हुआ था या बाहर. कैम्पस रिसबर्ग्सका स्कूल के दो टीचर्स, मीरियम जारलेवल और पैट्रिक सोडरमैन ने डैगेन्स न्यहेटर को बताया कि "छात्र आए और कहा कि कोई गोली चला रहा है. फिर हमें हॉलवे में और गोलियां सुनाई दीं. हम बाहर नहीं गए, हम अपने ऑफिस में छिप गए."
उन्होंने कहा, "पहले बहुत गोलियां चलीं और फिर आधे घंटे तक शांति रही, फिर से गोलियां चलने लगीं. हम अपनी डेस्क के नीचे छिपे हुए थे." कुछ गवाहों ने स्वीडिश मीडिया को बताया कि उन्हें स्वचालित हथियार की गोलियों की आवाज सुनाई दी थी.