दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने इस हफ्ते मार्शल लॉ लगाने को लेकर माफी मांगी है. उन्होंने टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, "मुझे मार्शल लॉ लगाने को लेकर बहुत खेद है. मैं उन लोगों से ईमानदारी से माफ़ी मांगना चाहता हूं जो इस कारण सदमे में हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि मार्शल लॉ की घोषणा करने और इसे हटाने के बाद राष्ट्रपति अपने पहले संबोधन में इस्तीफा देने का एलान कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
राष्ट्रपति यून सुक-योल ने टीवी में राष्ट्र के नाम पर दिए संबोधन में कहा कि वो स्थिति को स्थिर करने का काम सत्ताधारी दल को सौंप देंगे. उन्होंने अपने भाषण में महाभियोग का भी जिक्र नहीं किया. दरअसल, यून सुक-योल ने मंगलवार को देश में अचानक मार्शल लॉ की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था. उन्होंने ये कदम उठाने की वजह ‘देश विरोधी ताक़तों’ को बताया था. मॉर्शल लॉ लगाने के बाद देश में भीषण विरोध प्रदर्शन शुरु हो गए थे. विपक्ष ने राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की थी और कहा था कि उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा.
South Korean President Yoon Suk Yeol apologises to the nation for his failed attempt to impose martial law, hours before a vote to impeach him pic.twitter.com/IHCcp41XBB
— TRT World Now (@TRTWorldNow) December 7, 2024
साउथ कोरियाई राष्ट्रपति ने जिम्मेदारी लेने का किया ऐलान
रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रपति युन सुक-योल ने कहा कि वह इस मसले पर पूरी जिम्मेदारी लेंगे और इस पर किसी भी प्रकार के कानूनी या राजनीतिक दवाब से पीछे नहीं हटेंगे. उनका यह बयान उस वक्त आया है जब साउथ कोरिया के सत्ताधारी दल के नेता हान डोंग-हून ने यह कहा कि राष्ट्रपति युन का इस्तीफा अब अपरिहार्य हो सकता है.
साउथ कोरिया की संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ जांच प्रस्ताव
साउथ कोरिया की संसद इस समय राष्ट्रपति युन के खिलाफ एक जांच के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. यह प्रस्ताव देश की प्रथम महिला किम क्यंग-ही के खिलाफ भी जांच की मांग करता है, जिसके बाद राष्ट्रपति के इम्पीचमेंट (बहिष्कार) पर विचार किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय विधानसभा शनिवार को शाम 5 बजे (ग्लोबल टाइम के अनुसार सुबह 8 बजे) एक प्लेनरी सत्र का आयोजन करेगी, जिसमें राष्ट्रपति युन सुक-योल के इम्पीचमेंट के प्रस्ताव पर वोटिंग की जाएगी.
राष्ट्रपति युन पर मार्शल लॉ लगाने का आरोप
रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रपति युन सुक-योल पर यह आरोप है कि उन्होंने बिना उचित आधार के और कानून का उल्लंघन करते हुए सत्ता पर हिंसक कब्जा करने की कोशिश की थी. उन्हें यह भी आरोपित किया गया है कि उन्होंने मार्शल लॉ को बिना किसी वैध कारण के लागू किया, जो कि संविधान और कानूनी प्रावधानों के खिलाफ था. इस मामले को लेकर देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और राष्ट्रपति युन के खिलाफ विपक्षी दलों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है.