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सिंगापुर ने इजरायल-हमास युद्ध पर यूनिवर्सिटी के छात्रों के विरोध प्रदर्शन की जांच शुरू की

एनयूएस का इजराइल के ‘हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ यरुशलम’ के साथ एक शोध गठबंधन है. छात्रों का विरोध प्रदर्शन सोमवार को हुआ था.

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Protest
Courtesy: x

सिंगापुर, 17 जनवरी (भाषा) सिंगापुर के विश्वविद्यालय नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के भवन में इजराइल-हमास युद्ध को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन की पुलिस जांच कर रही है. बृहस्पतिवार को मीडिया में आई खबरों से यह जानकारी मिली.

एनयूएस का इजराइल के ‘हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ यरुशलम’ के साथ एक शोध गठबंधन है. छात्रों का विरोध प्रदर्शन सोमवार को हुआ था.

बृहस्पतिवार को चैनल ‘न्यूज एशिया’ की खबर के अनुसार, प्रदर्शन करने वालों ने प्रदर्शन की तस्वीर के साथ एक बयान जारी किया है. तस्वीर में एनयूएस में ‘क्रिएट’ अनुसंधान भवन के सामने लगभग 100 जोड़ी जूते और एक सफेद कफन दिख रहा है.

उन्होंने कहा कि यह युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले फलस्तीनी छात्रों के लिए ‘‘शोक और श्रद्धांजलि’’ है.

समूह खुद को ‘स्टूडेंट्स फॉर फलस्तीन सिंगापुर’ कहता है और अपने सोशल मीडिया पेज पर खुद को छात्रों के नेतृत्व वाला आंदोलन बताता है. साथ ही, समूह सिंगापुर से इजराइल के साथ शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंध समाप्त करने का आह्वान करता है.

प्रदर्शन के आयोजकों ने कहा कि उन्होंने ‘क्रिएट’ अनुसंधान भवन को इसलिए चुना क्योंकि इसका इजराइल के ‘हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ यरुशलम’ के साथ एक अनुसंधान गठबंधन है.

सिंगापुर-इजराइल के बीच कई अन्य शैक्षणिक साझेदारियों का हवाला देते हुए, आयोजकों ने सिंगापुर के विश्वविद्यालयों से इजराइली विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग समाप्त करने का आह्वान किया.

पुलिस ने पुष्टि की कि इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है.

चैनल ने बृहस्पतिवार को ‘एनयूएस’ प्रवक्ता के हवाले से कहा, ‘‘यह हमारे परिसर की संपत्ति पर किया गया एक अनधिकृत कृत्य है और पुलिस ने इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कर ली है.’’

वहीं, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने बृहस्पतिवार को कहा कि विदेश मामलों के द्वितीय मंत्री मोहम्मद मलिकी उस्मान एक परमार्थ संगठन को चेक देने के लिए जॉर्डन का दौरा करेंगे और सिंगापुर फलस्तीनियों को और मानवीय आपूर्ति भेजेगा.

चैनल ने मंत्री बालाकृष्णन के हवाले से कहा, ‘‘यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि दुनिया के कुछ हिस्सों में ऐसे लोग हैं जिन्हें मदद की जरूरत है और उन्हें इसकी सख्त जरूरत है. हम फलस्तीनियों का समर्थन करना जारी रखेंगे.’’

उन्होंने कहा कि सिंगापुर फलस्तीनी प्राधिकरण के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा.

मंत्री ने यह भी दोहराया कि सिंगापुर ‘दो-राष्ट्र समाधान’ का समर्थन करता है और इसकी उम्मीद करता है.

उन्होंने कहा, ‘‘यही एकमात्र तरीका है जिससे हम व्यापक, न्यायपूर्ण और टिकाऊ शांति स्थापित कर सकते हैं.’’

(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)