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India Daily

'यह विराट है, मदद चाहिए..मेडे..', ड्रोन हमले से पहले रूसी शैडो फ्लीट क्रू ने दी सूचना; देखें वीडियो

रूस के तेल टैंकर 'Virat' पर काला सागर में दो दिनों में दो बार समुद्री ड्रोन से हमला हुआ. क्रू ने ओपन रेडियो पर 'Help needed' संदेश भेजा.

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Edited By: Km Jaya
Russian Tanker Attack India daily
Courtesy: Video Grap

नई दिल्ली: काला सागर में रूस के शैडो फ्लेट से जुड़े एक तेल टैंकर 'Virat' पर लगातार दूसरे दिन ड्रोन हमला हुआ, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव बढ़ गया. शनिवार को यह हमला एक समुद्री ड्रोन द्वारा किया गया, जबकि शुक्रवार देर रात भी इस टैंकर पर विस्फोटों की सूचना मिली थी. हमले के तुरंत बाद टैंकर के क्रू ने ओपन फ्रीक्वेंसी पर एक आपात संदेश प्रसारित किया, जिसमें कहा गया, 'यह विराट है. मदद चाहिए! ड्रोन हमला!' मेडे'. हालांकि क्रू का इशारा समुद्री ड्रोन की ओर था न कि हवाई ड्रोन की ओर.

तुर्की के परिवहन मंत्रालय ने बताया कि यह तेल टैंकर तट से 35 नॉटिकल मील दूर था, जहां फिर से समुद्री ड्रोन ने हमला किया. तुर्की के परिवहन मंत्री अब्दुलकादिर उरालोग्लू ने कहा कि जहाज पर बाहरी प्रभाव का मतलब हो सकता है कि उसे किसी माइंड, रॉकेट, ड्रोन या किसी अंडरवॉटर वाहन ने मारा हो. 

कैसी है जहाज और क्रू की स्थिति?

हालांकि 'Virat' को मामूली नुकसान पहुंचा है और जहाज स्थिर स्थिति में है. क्रू भी सुरक्षित बताया जा रहा है. इस घटना के बीच यूक्रेन ने इन हमलों की जिम्मेदारी ले ली है. रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के सुरक्षा सेवा विभाग SBU और नौसेना ने मिलकर रूस के शैडो फ्लेट को निशाना बनाया. एक यूक्रेनी अधिकारी ने बताया कि दोनों टैंकरों को गंभीर क्षति पहुंची है और वे सेवा से बाहर हो गए हैं. 

देखें वीडियो

रूस की तेल सप्लाई को क्यों लगेगा झटका?

इससे रूस की तेल सप्लाई को बड़ा झटका लगेगा क्योंकि यह टैंकर पश्चिमी प्रतिबंधों को तोड़कर रूसी तेल का परिवहन कर रहे थे. यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी ने एक वीडियो भी साझा किया मॉडर्नाइज़्ड सी बेबी नेवल ड्रोन ड्रोन टैंकरों की ओर बढ़ते हुए दिखते हैं और इसके बाद जोरदार विस्फोट सुनाई देते हैं. दोनों जहाज गाम्बिया के झंडे के तहत चल रहे थे और रूस के 2022 के यूक्रेन आक्रमण के बाद लगे तेल प्रतिबंध के बावजूद लगातार कच्चे तेल का परिवहन कर रहे थे.

यूक्रेन ने क्या किया दावा?

यूक्रेन का दावा है कि रूस के इस शैडो फ्लेट से युद्ध के लिए फंडिंग जारी है और इस पर सख्त अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की जरूरत है. किव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार इन जहाजों द्वारा करीब 70 मिलियन डॉलर मूल्य का तेल ट्रांसपोर्ट किया जा सकता था. घटना के बाद क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ा दी गई है और जांच जारी है.