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India Daily

'अगर अमेरिका ने यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइल दी...', पुतिन ने दी खुली चेतावनी, जानें क्या बोले?

रूस ने अमेरिका से यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइल मिलने की संभावना पर गहरी चिंता जताई है और चेतावनी दी है कि यह युद्ध को नाटकीय रूप से बढ़ा सकता है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

Russia-Ukraine War: रूस ने टॉमहॉक मिसाइलों के यूक्रेन को मिलने की खबर पर चिंता व्यक्त की है और इसे युद्ध के नए खतरनाक मोड़ के रूप में देखा. वहीं अमेरिका ने यूक्रेन को मिसाइल देने से पहले उनकी रणनीति जानने की इच्छा जताई है. यह स्थिति दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ा सकती है.

टॉमहॉक मिसाइल की रेंज 2500 किलोमीटर तक है, जिससे यूक्रेन रूस के गहरे इलाकों तक हमला कर सकता है, यहां तक कि मॉस्को तक भी. कुछ पुराने मॉडल परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम हैं. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यदि रूस पर टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं, तो उनमें से कुछ परमाणु हथियार ले जा सकती हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि लंबी दूरी की मिसाइलें रूस को गंभीर निर्णय लेने पर मजबूर कर सकती हैं.

पुतिन की चेतावनी

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्पष्ट किया कि टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल अमेरिकी सैन्य भागीदारी के बिना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन को ये मिसाइलें दी गईं, तो यह युद्ध के नए खतरनाक चरण की शुरुआत होगी. पुतिन ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि सोवियत संघ के टूटने के बाद उन्हें नीचा दिखाया गया और नाटो को रूस की सीमाओं तक बढ़ाया गया, जिससे यूक्रेन और जॉर्जिया प्रभावित हुए.

अमेरिका की भूमिका

फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार अमेरिका पहले ही यूक्रेन को रूसी ऊर्जा ठिकानों पर लंबी दूरी के हमलों में मदद कर रहा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियां यूक्रेन को ड्रोन मिशनों के लिए रूट, ऊंचाई और समय तय करने में सहायता देती हैं, ताकि रूसी वायु रक्षा से बचकर निशाना साधा जा सके. राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वे टॉमहॉक मिसाइल देने से पहले यह जानना चाहते हैं कि यूक्रेन उनका इस्तेमाल कैसे करेगा.

यूक्रेन और रूस की प्रतिक्रिया

यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों ने रूस के कदम को साम्राज्यवादी विस्तार की कोशिश बताया है और कहा है कि वे किसी भी कीमत पर रूसी सेना को हराएंगे. रूस ने अमेरिकी मिसाइलों को युद्ध को बढ़ाने वाला कदम बताया है और चेतावनी दी है कि टॉमहॉक मिसाइलों की डिलीवरी संघर्ष को नाटकीय रूप से बढ़ा सकती है. यह मसला अंतरराष्ट्रीय राजनीति और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील बना हुआ है.