Russia Ukraine War: अमेरिका में निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि वह रूस-यूक्रेन का युद्ध खत्म करवाएंगे. हालांकि, अब जबकि जनवरी 2025 में उनका राष्ट्रपति बनना तय हो गया है, तब उन्होंने पद संभालने से पहले ही युद्ध रुकवाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के समाधान के लिए अपनी शांति योजना का ऐलान किया है.
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया चैनल ‘ट्रूथ सोशल’ पर एक पोस्ट करते हुए कीथ केलॉग को अपना विशेष दूत नियुक्त किया है. उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुशी के साथ जनरल कीथ केलॉग को राष्ट्रपति का सहायक और यूक्रेन और रूस के लिए विशेष दूत नियुक्त करता हूं हम मिलकर शांति के लिए संघर्ष करेंगे और अमेरिका और दुनिया को फिर से सुरक्षित बनाएंगे.
रूस- यूक्रेन युद्ध के बीच शांति योजना पेश की
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने कीथ केलॉग को यूक्रेन के लिए अपने विशेष दूत के रूप में नियुक्त करते हुए एक स्पेशल शांति योजना को पेश किया है. यह योजना 2018 में यूक्रेन को पहले सैन्य मदद देने के ट्रंप के फैसले से प्रेरित है, जिसके अनुसार, यूक्रेन को पहले से ज्यादा मदद दी जानी चाहिए थी. इस योजना में ट्रंप ने बाइडन प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि उनके अपर्याप्त और देर से दिए गए सैन्य मदद ने यूक्रेन को संकट में डाल दिया.
जानिए अमेरिका की इस योजना से रूस को क्या मिलेगा लाभ!
इस योजना के अनुसार, एक सीजफायर लागू कर दिया जाएगा, जिससे दोनों पक्षों को बातचीत के लिए मजबूर किया जाएगा. ताकि, रूस को सीमित आर्थिक राहत मिलेगी, और पूरी राहत केवल तब दी जाएगी जब एक शांति समझौता हस्ताक्षरित होगा. इसके अलावा, यूक्रेन को नाटो की सदस्यता से भी निलंबित किया जाएगा और इस फैसले को एक शांति समझौते के साथ जोड़ दिया जाएगा.
डोनाल्ड ट्रंप की यह योजना यूक्रेन को अपने कब्जे वाले क्षेत्रों को छोड़ने के लिए नहीं कहती, बल्कि यह मांग करती है कि यूक्रेन इसे केवल कूटनीतिक प्रयासों से प्राप्त करे. योजना में कहा गया है कि रूस द्वारा आक्रमण जारी रखने की स्थिति में, अमेरिका यूक्रेन को सैन्य मदद देता रहेगा, ताकि वह अपनी रक्षा कर सके और रूस की ओर से कोई और आक्रमण न हो.
अमेरिका को किसी युद्ध में शामिल होने की जरूरत नहीं- कीथ केलॉग
केलॉग का कहना है कि अमेरिका को किसी अन्य संघर्ष में शामिल होने की जरूरत नहीं है,. इसके अलावा यूक्रेन की मदद करने से उसके अपने हथियारों के भंडार में कमी आई है, जिससे ताइवान को लेकर चीन के साथ किसी भी संघर्ष में देश संभावित रूप से असुरक्षित हो गया है. उनका कहना है कि यूक्रेन की नाटो सदस्यता - वास्तव में एक बहुत ही दूर की संभावना है. फिलहाल, ये योजना कहती है कि इसे “युद्ध विराम और बातचीत के माध्यम से समाधान की तलाश करने की एक औपचारिक अमेरिकी पॉलिसी बननी चाहिए.