ट्रंप के टैरिफ वार के बीच और गहरी हुई रूस-चीन की दोस्ती, दोनों देशों में हो सकती है ये बड़ी डील
चीन और रूस के बीच ऊर्जा सहयोग लगातार बढ़ रहा है और LNG आयात में वृद्धि दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगी. पावर ऑफ साइबेरिया-2 परियोजना के भविष्य पर सभी की नजरें टिकी हैं.
चीन इस साल रूस से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) का आयात बढ़ाने की योजना बना रहा है. मंगलवार को रूस में चीन के राजदूत झांग हानहुई ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कई चीनी खरीदार रूसी आपूर्तिकर्ताओं से संपर्क स्थापित करने के लिए दूतावास की मदद मांग रहे हैं, जिससे आयात में वृद्धि की संभावना है.
LNG आयात में वृद्धि की संभावना
झांग हानहुई ने पत्रकारों से कहा, "मुझे यकीन है कि खरीदारों की संख्या बहुत अधिक है. कई खरीदार दूतावास से रूसी आपूर्तिकर्ताओं के साथ संपर्क स्थापित करने में मदद मांग रहे हैं. मुझे लगता है कि निश्चित रूप से (आयात) में वृद्धि होगी." तास समाचार एजेंसी के अनुसार, चीनी सीमा शुल्क डेटा से पता चलता है कि पिछले साल रूस से चीन का LNG आयात 3.3% बढ़कर 8.3 मिलियन मीट्रिक टन हो गया. रूस, ऑस्ट्रेलिया और कतर के बाद, चीन का तीसरा सबसे बड़ा LNG आपूर्तिकर्ता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा LNG खरीदार है.
पावर ऑफ साइबेरिया-2 पाइपलाइन पर चर्चा
चीन और रूस के बीच प्रस्तावित पावर ऑफ साइबेरिया-2 गैस पाइपलाइन परियोजना पर भी बातचीत हुई है. यह पाइपलाइन रूस के यमल क्षेत्र से मंगोलिया के रास्ते चीन तक प्रति वर्ष 50 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस ले जाएगी. हालांकि, दोनों पक्ष अभी तक गैस आपूर्ति की शर्तों पर सहमत नहीं हो सके हैं. राजदूत ने बताया कि पाइपलाइन का मार्ग अभी निर्धारित नहीं हुआ है.
वैश्विक LNG व्यापार में बदलाव
चीन ने मार्च में अमेरिका से कोई LNG आयात नहीं किया, जैसा कि Kpler और LSEG के डेटा से पता चलता है. पिछले साल अमेरिका ने चीन के LNG का लगभग 5% आपूर्ति की थी. रॉयटर्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी LNG की लागत बढ़ने के कारण चीनी खरीदार इन कार्गो को पुनर्विक्रय कर रहे हैं. मलेशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका भी चीन के प्रमुख LNG निर्यातक हैं.
चीन और रूस के बीच ऊर्जा सहयोग बढ़ रहा है, और LNG आयात में वृद्धि दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगी. पावर ऑफ साइबेरिया-2 परियोजना के भविष्य पर सभी की नजरें टिकी हैं.