India-US Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना की. हमास द्वारा बंधकों को रिहा करने के संकेत और ट्रंप की योजना के कुछ हिस्सों को स्वीकार करने की सहमति को पीएम मोदी ने निर्णायक प्रगति बताया. उन्होंने कहा कि यह कदम लंबे समय तक चलने वाले और न्यायपूर्ण शांति प्रयासों के लिए सकारात्मक संकेत है.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर अपने संदेश में लिखा कि भारत स्थायी और न्यायपूर्ण शांति के लिए हर प्रयास का दृढ़ समर्थन करता रहेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मध्य पूर्व में स्थिरता और मेल-मिलाप न केवल क्षेत्र बल्कि पूरी दुनिया के लिए जरूरी है. यह ऐसे समय सामने आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा हुआ है. अगस्त 2025 में राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था. उनका आरोप था कि भारत व्यापार संतुलन बिगाड़ रहा है और रूस से तेल खरीदना जारी रखे हुए है, जबकि यूक्रेन युद्ध चल रहा है. भारत ने इन टैरिफ को 'अनुचित' और 'अन्यायपूर्ण' करार दिया था.
We welcome President Trump’s leadership as peace efforts in Gaza make decisive progress. Indications of the release of hostages mark a significant step forward.
India will continue to strongly support all efforts towards a durable and just peace.@realDonaldTrump @POTUS— Narendra Modi (@narendramodi) October 4, 2025Also Read
इसके बावजूद, हाल के महीनों में दोनों देशों के रिश्तों में नरमी के संकेत भी देखने को मिले हैं. सितंबर 2025 में राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को रात में फोन कर उनके 75वें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थीं. मोदी ने सार्वजनिक रूप से इस कॉल का उल्लेख करते हुए ट्रंप का आभार जताया और भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई. अक्टूबर की शुरुआत में ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर मोदी का संदेश रीपोस्ट किया, जिसमें मोदी ने गाजा शांति योजना को व्यवहारिक और दीर्घकालिक समाधान बताया था. ट्रंप ने भले ही कोई अतिरिक्त टिप्पणी नहीं की, लेकिन इस कदम को सकारात्मक कूटनीतिक संकेत माना गया.
इन घटनाओं से साफ है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते जटिल जरूर हैं, लेकिन बदलते वैश्विक हालात में दोनों देश एक-दूसरे के करीब आने की कोशिश कर रहे हैं. एक ओर जहां व्यापारिक विवाद तनाव का कारण हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय शांति पहल में सहयोग नई संभावनाओं को जन्म दे रहा है. मोदी और ट्रंप की हालिया बयानबाजी से संकेत मिलता है कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका संबंधों में संतुलन बनाने की कोशिश और तेज हो सकती है.