नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय भूटान यात्रा पर है. यह यात्रा भारत और भूटान संबंधों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पीएम मोदी ने अपने यात्रा के दौरान भूटान के चौथे राजा ड्रुक ग्यालपो जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात की है. उनकी यह मुलाकात K4 की 70वीं जयंती समारोह के अवसर पर हुई. इस दौरान भूटान के वर्तमान नरेश, राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ व्यापक चर्चाएं भी हुई है.
भूटान नरेश ने इस खास मौके पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और भारत-भूटान के बीच स्थायी मित्रता और आपसी सम्मान का जश्न मनाया. पीएम मोदी की यह थिप्पू में यह पहली यात्रा थी, जिसमें व्यापक वार्ता की गई. इस दौरान दोनों देशों के सहयोग के प्रमुख स्तंभों पर चर्चा की गई.
भारत और भूटान के बीच ऊर्जा, क्षमता निर्माण, संपर्क, रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त प्रयासों को आगे बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान की विकास यात्रा के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि की और एक घनिष्ठ मित्र के रूप में भारत की साझेदारी पर गर्व व्यक्त किया. इसके अलावा दोनों देशों के प्रमुख के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर भी गहन चर्चा की गई. साथ ही स्थिरता एवं सहयोग के लिए अपने दृष्टिकोण भी रखे गए. पीएम मोदी ने इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट भी शेयर किया है.
पीएम मोदी का भूटान में आखिरी दिन है. इससे पहले उन्होंने भूटान नरेश से मुलाकात कर, कई मुद्दे पर चर्चा की. इस यात्रा का प्रमुख आकर्षण भारत से लाए गए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का श्रद्धापूर्वक स्वागत था. जो वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव और चौथे राजा के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित किया गया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस तरह से इन अवशेषों का स्वागत किया गया, वह भारत और भूटान के लोगों के बीच गहन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रिश्ते को साफ दर्शाता है. वर्तमान राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने पीएम मोदी के साथ मिलकर 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का संयुक्त उद्घाटन किया. इस दौरान भूटान के विकास को लेकर कई घोषणाएं भीकी गई.