PM Modi Mauritius Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं. इस ऐतिहासिक अवसर पर उनकी 1998 की पहली यात्रा की यादें फिर से ताजा हो गई हैं, जब उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में इस द्वीप देश का दौरा किया था.
आपको बता दें कि 1998 में गुजरात में भाजपा की शानदार जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन में भाग लेने के लिए मॉरीशस का दौरा किया. इस सम्मेलन में उन्होंने रामायण को भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक सेतु बताते हुए दोनों देशों के ऐतिहासिक, भाषाई और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित किया. मोदी ने मॉरीशस के तत्कालीन राष्ट्रपति कैसम उतीम, प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और विपक्ष के नेता सर अनिरुद्ध जगन्नाथ से भी मुलाकात की थी.
पवित्र गंगा तालाब का किया था दौरा
वहीं प्रधानमंत्री मोदी की 1998 की यात्रा केवल राजनीतिक बैठकों तक सीमित नहीं थी. उन्होंने गंगा तालाब का दौरा किया, जिसे मॉरीशस में हिंदू आस्था का प्रतीक माना जाता है. वहां उन्होंने देखा कि भारतीय परंपराएं विदेश में भी कैसे समृद्ध हो रही हैं. उन्होंने सर शिवसागर रामगुलाम वनस्पति उद्यान में राष्ट्रपिता सर शिवसागर रामगुलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की और चामरेल के सात रंगों वाली धरती और चामरेल जलप्रपात जैसे प्राकृतिक स्थलों का भ्रमण किया.
2015 की यात्रा में फिर गंगा तालाब पहुंचे थे मोदी
बता दें कि जब प्रधानमंत्री मोदी 2015 में 17 साल बाद मॉरीशस गए, तब उन्होंने एक बार फिर गंगा तालाब जाकर मां गंगा को नमन किया. अपने भाषण में उन्होंने मॉरीशस को भारत की छवि का प्रतिबिंब बताते हुए कहा था, "अगर नमूना इतना असाधारण है, तो पूरे देश की महानता की कल्पना कीजिए!"
2025 की यात्रा: भारत-मॉरीशस संबंध होंगे और मजबूत
हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी की इस बार की यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी. भारत द्वारा वित्तपोषित 20 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन होगा, जिनमें बुनियादी ढांचा, सामुदायिक विकास और क्षमता निर्माण शामिल हैं. प्रधानमंत्री मॉरीशस के नए राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल से मुलाकात करेंगे और कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.