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India Daily

'पीछे हटेगा पाकिस्तान वरना...', तनाव के बीच इस्लामाबाद के पास क्या है विकल्प?

पूर्व उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम समझौता खत्म हो चुका है और आप नियंत्रण रेखा के दोनों ओर बहुत अधिक गोलीबारी देखेंगे. लेकिन यह शायद यहीं तक नहीं रुकेगा.

Gyanendra Sharma
Edited By: Gyanendra Sharma
pak army meeting
Courtesy: Social Media

बुधवार की सुबह भारतीय सेना द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. पाकिस्तान ने कहा है कि वह अपनी पसंद के समय और स्थान पर भारतीय सैन्य अभियानों का जवाब देने का अधिकार रखता है. दक्षिण एशिया की दो परमाणु शक्तियों के आमने-सामने आने के बीच भारत और पाकिस्तान दोनों के सामने मौजूद विकल्प क्या है. इसपर सेना के अधिकारी और एक्सपर्ट की राय क्या है?

पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान पर नियंत्रण रेखा के पार संघर्ष विराम के कई बार उल्लंघन का आरोप लगाया है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पार गोलाबारी तेज कर दी, जिसने भारत में नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया और कथित तौर पर कई नागरिकों की जान गई है, 

पूर्व उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम समझौता खत्म हो चुका है और आप नियंत्रण रेखा के दोनों ओर बहुत अधिक गोलीबारी देखेंगे. लेकिन यह शायद यहीं तक नहीं रुकेगा.

पाकिस्तान हवाई हमलों से जवाब देता है

उत्तरी सेना के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल का कहना है कि पाकिस्तान भारतीय सैन्य हवाई अड्डों पर सीमित हमलों के साथ ऑपरेशन सिंदूर का जवाब दे सकता है. इस तरह के हमले का उद्देश्य पाकिस्तान के हवाई अभियानों का जवाब देने या अपने स्वयं के जमीनी सैनिकों का समर्थन करने की भारत की क्षमता को कम करना होगा. हालांकि, सेवानिवृत्त अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि नई दिल्ली इसे एक बड़ी वृद्धि के रूप में देखेगी क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर में केवल आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया था और किसी सैन्य सुविधा को नहीं. जसवाल ने कहा कि किसी भी पाकिस्तानी हमले का भारतीय जवाब देखेंगे, जिसमें भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार भारी गोलाबारी और भारतीय वायु सेना द्वारा सैन्य ठिकानों पर संभावित जवाबी हमले शामिल हैं. लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा कि मेरा अपना मानना ​​है कि पाकिस्तान की सैन्य जवाबी कार्रवाई सीमित होगी. या फिर देश अपनी पुरानी तरकीबें अपनाने का विकल्प चुन सकता है.

बढ़ते आतंकवादी हमले

पूर्व उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एएस लांबा का मानना ​​है कि आतंकवाद का अभियान बढ़ाना भारत को जवाब देने के लिए पाकिस्तान का चुना हुआ तरीका हो सकता है. लेफ्टिनेंट जनरल लांबा कहते हैं, हालांकि पाकिस्तान ऐसा कर सकता है, लेकिन उसे भारत में संवेदनशील प्रतिष्ठानों और अन्य ठिकानों पर बढ़ते आतंकवादी हमलों से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि उन्हें कड़ा जवाब मिलेगा.

लेफ्टिनेंट जनरल लांबा ने कहा, यदि पाकिस्तान भारत द्वारा आतंकी शिविरों पर किए गए हमले का जवाब मजबूत सैन्य विकल्प के साथ देता है, या सीमावर्ती कस्बों और नागरिक आबादी पर तोपखाने और मिसाइल हमलों के साथ देता है, तो इस तरह की बढ़ोतरी से भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया मिलेगी, जिसे अपनी आंतरिक सुरक्षा और आर्थिक संकट के कारण पाकिस्तान के लिए संभालना मुश्किल हो जाएगा.

राजनयिक बैकचैनल की स्थापना

संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन का कहना है कि भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे के खिलाफ़ अपनी कूटनीतिक ताकत का इस्तेमाल कर लिया है. दोनों पक्षों ने व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है, अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं, वीजा रद्द कर दिए हैं और दूसरे के नागरिकों और राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से भी बहुपक्षीय कूटनीतिक समर्थन प्राप्त करने की अपनी पारंपरिक नीति का पालन करने के पाकिस्तान के प्रयास से बहुत कम लाभ हुआ है.