किराना हिल्स पर अटैक का सस्पेंस खत्म? पाकिस्तान को मिटाने का काउंटडाउन हो गया था शुरु!

विदेश मंत्रालय ने भी रेडिएशन लीक की खबरों को खारिज किया है. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'हमारी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र के भीतर थी. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी एक बैठक बुलाएगी, लेकिन बाद में इन खबरों को नकार दिया गया.

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Reepu Kumari

पाकिस्तान में किसी भी न्यूक्लियर फैसिलिटी से कोई रेडिएशन लीक या रिलीज नहीं हुआ. अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने बुधवार (IST) को कहा, उन्होंने व्यापक रिपोर्टों को खारिज कर दिया. इसमें दावा किया गया था कि भारतीय मिसाइलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के सरगोधा में किराना हिल्स पर हमला किया , जिससे रेडियोधर्मी घटना हुई. यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया की अटकलों और विदेशी मीडिया के सिद्धांतों के बाद आया है.

इन दिनों सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि हवाई हमलों के दौरान पाकिस्तान में एक परमाणु भंडार को निशाना बनाया गया था.

दावों से इंकार 

यह घटनाक्रम भारतीय वायु सेना के महानिदेशक एयर ऑपरेशन, एयर मार्शल ए.के. भारती द्वारा इस बात से इनकार करने के दो दिन बाद हुआ कि भारत ने किराना हिल्स या पाकिस्तान में किसी भी परमाणु प्रतिष्ठान को निशाना बनाया था. मीडिया द्वारा पूछे जाने पर, भारती ने कहा, 'हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में परमाणु प्रतिष्ठान हैं. हमें इसके बारे में पता नहीं था. हमने किराना हिल्स और वहां जो कुछ भी है, उसे निशाना नहीं बनाया है.'

रेडिएशन लीक की खबरों को खारिज

विदेश मंत्रालय ने भी रेडिएशन लीक की खबरों को खारिज किया है. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'हमारी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र के भीतर थी. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी एक बैठक बुलाएगी, लेकिन बाद में इन खबरों को नकार दिया गया. वास्तव में, पाकिस्तान के सरकारी प्रतिनिधियों ने आधिकारिक तौर पर इस बात से इनकार किया है.'

विकिरण रिसाव के कारण हुआ युद्ध विराम!

IAEA के बयान ने उन अटकलों को दूर करने का प्रयास किया कि विकिरण रिसाव के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम हुआ. वैश्विक मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर कुछ विदेशी विशेषज्ञों ने इन सिद्धांतों को बढ़ावा दिया और दावा किया कि रिपोर्ट सटीक थी. कुछ फ्लाइट ट्रैकिंग प्लेटफ़ॉर्म द्वारा कथित तौर पर फ़ुकुशिमा जैसी परमाणु आपात स्थितियों में इस्तेमाल किए जाने वाले अमेरिकी ऊर्जा विभाग के विमान को पाकिस्तान के पास देखे जाने के बाद अफवाहें और तेज हो गईं.

एक और दावा यह भी प्रसारित हुआ कि मिस्र का एक सैन्य विमान बोरॉन लेकर पाकिस्तान में उतरा, जो रेडियोधर्मी उत्सर्जन को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक रसायन है. इन दोनों दावों की पुष्टि नहीं की गई और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इसे निराधार बताकर खारिज कर दिया.