अमेरिकी सैन्य रणनीतिकार माइकल रुबिन ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का आईएमएफ बेलआउट देने के लिए ट्रंप प्रशासन की आलोचना की है. माइकल रुबिन पाकिस्तान को एक आतंकी देश बताया है. रुबिन ने दावा किया कि भारत ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष में जीत हासिल की है और इस्लामाबाद के दावों को झूठा बताया है. उन्होंने आईएमएफ के फैसले की निंदा की है.
माइकल रुबिन ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का आईएमएफ बेलआउट पैकेज देने के लिए ट्रंप प्रशासन को दोषी ठहराया है, खासकर ऐसे समय में जब पाकिस्तान को आतंकवादियों को प्रायोजित करने वाली राज्य नीति के रूप में देखा जाता है. रुबिन ने कहा, पाकिस्तान को पैसा भेजकर, आईएमएफ प्रभावी रूप से चीन को भी बेलआउट कर रहा है. पाकिस्तान आज चीन का एक कठपुतली है. इसका ग्वादर बंदरगाह चीन के कब्जे में है.
दुम दबाकर भागा पाकिस्तान
रुबिन ने अन्य अंतरराष्ट्रीय अमेरिकी सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ मिलकर कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ चार दिवसीय सीमित संघर्ष में जीत हासिल की, और पाकिस्तान द्वारा नई दिल्ली को नुकसान पहुंचाने के झांसे को उजागर किया. इसके बजाय, उन्होंने कहा यह इस्लामाबाद था जो युद्धविराम हासिल करने के लिए अपनी दुम दबाकर डरे हुए कुत्ते की तरह भाग रहा था. रुबिन ने एक वीडियो टिप्पणी में कहा, पाकिस्तानी सेना इस बात को छिपाने के लिए कोई भी तरीका नहीं अपना सकती कि क्या हुआ, ताकि वह इस सच्चाई से खुद को बचा सके कि वह न केवल हारी है, बल्कि बहुत बुरी तरह हारी है.
आईएमएफ बेलआउट पैकेज का क्यों नहीं किया विरोध?
बुधवार को एक लेख में रुबिन ने अमेरिका की आलोचना की. उन्होंने कहा कि उसने आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज जारी करने से क्यों नहीं रोका, जो दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में से एक है. उन्होंने आगे कहा कि आईएमएफ ने यह कदम तब उठाया जब पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने भारत में घुसपैठ की और गैर-मुसलमानों को उनके परिवारों के सामने मार डाला. सैन्य रणनीतिकार ने कहा कि ऐसे समय में जब व्हाइट हाउस दो परमाणु संपन्न देशों के बीच तनाव कम करने की कोशिश कर रहा है, आतंक से ग्रस्त, चीन समर्थक शासन को 1 बिलियन डॉलर जारी करना सिर्फ़ पाकिस्तान के बारे में नहीं था, यह आईएमएफ द्वारा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नाक में दम करने के बारे में था.