पाकिस्तान का नया ड्रामा फ्लॉप, भारत पर डिबेट से भागने का दावा निकला झूठा, पाक की खुली पोल

लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में होने वाली डिबेट को लेकर पाकिस्तान ने भारत पर भागने का आरोप लगाया था. हालांकि, अब उनका ये झूठ पकड़ा गया है.

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Praveen Kumar Mishra

नई दिल्ली: पाकिस्तान एक बार फिर अपने पुराने रंग में नजर आया है. ब्रिटेन की मशहूर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली एक बड़ी बहस रद्द हो गई लेकिन पाकिस्तान ने इसे भी अपना प्रोपेगैंडा बनाने की कोशिश की. 

पाकिस्तानी उच्चायोग ने दावा किया कि भारतीय वक्ता बहस से भाग गए, जबकि हकीकत इसके ठीक उलट थी. अब इस झूठ की पूरी पोल खुल चुकी है. इसके साथ ही पाकिस्तान का झूठ एक बार फिर से सबके सामने आया है.

पाकिस्तानी उच्चायोग ने फैलाया फर्जी दावा

ब्रिटेन में पाकिस्तानी हाई कमीशन ने ट्विटर पर बड़ा-बड़ा दावा किया कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में “भारत की पाकिस्तान नीति: एक सुरक्षा नीति के रूप में बेची गई जनप्रिय रणनीति” विषय पर होने वाली बहस से भारतीय प्रतिनिधि आखिरी मौके पर पीछे हट गए. 

उन्होंने भारतीय पक्ष के वक्ताओं के नाम भी बताए पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट. वहीं पाकिस्तानी पक्ष से पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार, ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायुक्त मोहम्मद फैसल और रिटायर्ड जनरल जुबैर महमूद हयात आने वाले थे.

जे. साईं दीपक ने सबूतों के साथ खोली पोल

पाकिस्तान का यह झूठ ज्यादा देर नहीं टिका. मशहूर वकील और विचारक जे. साईं दीपक ने तुरंत सबूतों के साथ पाकिस्तान की पोल खोल दी. उन्होंने बताया कि वे खुद इस बहस में भारतीय पक्ष के मुख्य वक्ता थे. 

उनके साथ जनरल नरवणे और सुब्रमण्यम स्वामी भी आने वाले थे. दीपक ने ऑक्सफोर्ड से मिली आधिकारिक ईमेल भी सार्वजनिक की, जिसमें उनकी भागीदारी की पुष्टि थी.

दीपक ने किया खुलासा

पहले नरवणे और स्वामी ने व्यस्तता के कारण मना कर दिया. फिर यूनिवर्सिटी ने सुहेल सेठ और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी से संपर्क किया. दोनों ने शुरुआत में हामी भरी लेकिन आखिरी मौके पर कम नोटिस का हवाला देकर मना कर दिया.
इसके बाद भी दीपक ने खुद लंदन पहुँचकर मनु खजूरिया और पंडित सतीश शर्मा के साथ पूरी टीम तैयार कर ली थी.

आयोजक का भी पाकिस्तानी कनेक्शन

जे. साईं दीपक ने यह भी खुलासा किया कि बहस के मुख्य आयोजक मूसा हरराज के पिता पाकिस्तान में मंत्री रह चुके हैं. यानी पूरा आयोजन शुरू से ही पक्षपातपूर्ण था और आखिर में पाकिस्तानी पक्ष ने ही बहस से भागकर इसे रद्द करवाया.