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पाक पीएम शहबाज शरीफ का पुतिन को लेटर, भारत के पुराने दोस्त को मनाने में जुटा पाकिस्तान

समाचार एजेंसी ने रूसी विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि इन घटनाक्रमों पर बोलते हुए रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने के लिए सीधी बातचीत करनी चाहिए.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Shahbaz Sharif
Courtesy: Social Media

अपनी धरती से आतंकवाद को प्रायोजित करने के लिए दुनिया भर में बदनाम पाकिस्तान अपनी साफ-सुथरी छवि पेश करने और वैश्विक समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मॉस्को में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक पत्र सौंपा . प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और उन्हें पत्र सौंपा.

प्रधानमंत्री शरीफ के विशेष सहायक सैयद तारिक फातमी ने भी लावरोव को दक्षिण एशिया में हुए ताजा घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी. यह तब हुआ जब भारत से एक बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ संघर्ष में कई बार वृद्धि के बारे में भारत का रुख बताने के लिए मास्को का दौरा किया.

शहबाज शरीफ ने व्लादिमीर पुतिन को लिखा पत्र

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान प्रायोजित सीमापार आतंकवाद के बारे में जागरूकता फैलाई और आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य सहनशीलता की नीति के लिए रूस का ठोस समर्थन प्राप्त किया. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने मॉस्को स्थित पाकिस्तानी दूतावास के हवाले से कहा, "विशेष सहायक ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को संबोधित एक पत्र सौंपा." उन्होंने ऊर्जा, परिवहन संपर्क, व्यापार और अन्य क्षेत्रों सहित विभिन्न मुद्दों पर रूस के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की पाकिस्तान की इच्छा भी व्यक्त की.

समाचार एजेंसी ने रूसी विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि इन घटनाक्रमों पर बोलते हुए रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने के लिए सीधी बातचीत करनी चाहिए.

भारत ने चलाया 'ऑपरेशन सिंदूर'

मॉस्को में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का आना, भारत द्वारा दुनिया भर में पाकिस्तान की पोल खोलने के बाद वैश्विक समर्थन जुटाने की उसकी निरर्थक रणनीति है. भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कई देशों का दौरा किया और दिखाया कि कैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया.