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India Daily

Missile Defense: अब मिसाइल हमलों से अमेरिका को बचाएगा 'गोल्डन डोम', ट्रंप ने बताया मास्टरप्लान

Donald Trump: राष्ट्रपति ने योजना के लिए 25 अरब डॉलर की शुरुआती फंडिंग का ऐलान किया है, और उन्होंने बताया कि इसकी कुल लागत लगभग 175 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है.

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Edited By: Ritu Sharma
Missile Defense
Courtesy: social media

Missile Defense: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक क्रांतिकारी रक्षा योजना 'गोल्डन डोम' का ऐलान किया, जो अमेरिका को संभावित मिसाइल हमलों से बचाने के लिए तैयार की जा रही है. ट्रंप ने इस योजना की शुरुआती लागत $25 बिलियन घोषित की, जबकि अनुमानित कुल लागत $175 बिलियन तक पहुंच सकती है. यह प्रणाली अगले तीन वर्षों में पूरी तरह से कार्यशील हो जाएगी.

इसको लेकर व्हाइट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, ''चुनाव प्रचार के दौरान मैंने वादा किया था कि हम एक अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा कवच बनाएंगे. आज मैं गर्व से घोषणा करता हूं कि हमने इसकी आर्किटेक्चर तय कर ली है.''

अंतरिक्ष से भी रोक सकेगा हमले

ट्रंप ने दावा किया, ''गोल्डन डोम दुनिया के किसी भी कोने से, यहां तक कि अंतरिक्ष से दागी गई मिसाइलों को भी रोकने में सक्षम होगा. यह हमारे देश की सुरक्षा और अस्तित्व के लिए बेहद जरूरी है.'' इस योजना का नेतृत्व अमेरिकी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलीन करेंगे. साथ ही, ट्रंप ने बताया कि कनाडा ने इस प्रोजेक्ट में साझेदारी की रुचि दिखाई है. वहीं पेंटागन प्रमुख पीट हेगसेथ ने बताया कि ''गोल्डन डोम सिस्टम का मकसद अमेरिका को क्रूज, बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक मिसाइलों और ड्रोनों से बचाना है, चाहे वे पारंपरिक हों या परमाणु.''

रूस-चीन की तीखी प्रतिक्रिया

वहीं रूस और चीन ने इस योजना पर विरोध जताते हुए इसे 'गंभीर रूप से अस्थिर करने वाला' करार दिया और कहा कि यह अंतरिक्ष को 'युद्ध का मैदान' बना सकता है. क्रेमलिन के बयान में कहा गया कि ''यह योजना अंतरिक्ष में सैन्य अभियानों के लिए अमेरिकी ताकत को बढ़ावा देती है.'' बता दें कि गोल्डन डोम का नाम इजरायल की 'आयरन डोम' प्रणाली से प्रेरित है, जो 2011 से अब तक हजारों कम दूरी की मिसाइलों को रोक चुकी है. हालांकि, अमेरिकी खतरे और चुनौती उससे कहीं व्यापक और जटिल हैं.

वैश्विक खतरे और अमेरिकी अनुभव

इसके अलावा, मिसाइल रक्षा समीक्षा 2022 में चेतावनी दी गई कि चीन तेजी से अपनी बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक क्षमताएं बढ़ा रहा है, जबकि रूस अपनी ICBM प्रणालियों को अपडेट कर रहा है. इसके अलावा, ड्रोन और नॉन-स्टेट एक्टर्स से भी खतरे लगातार बढ़ रहे हैं. अमेरिका ने हाल के वर्षों में यूक्रेन और मध्य-पूर्व में मिसाइल हमलों को रोकने का महत्वपूर्ण अनुभव हासिल किया है.