पाकिस्तान और चीन के बीच कथित तौर पर पांचवीं पीढ़ी के J-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर लंबे समय से बात चल रही है. अब इसपर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बड़ा खुलासा किया है. एक इंटरव्यू में उन्होंने स्पष्ट किया कि 2026 तक J-35 विमानों की डिलीवरी की खबरें पूरी तरह से आधारहीन हैं और यह सब "मीडिया की उपज" है.
एक इंटरव्यू के दौरान जब ख्वाजा आसिफ से J-35 लड़ाकू विमानों की खरीद और 2026 तक उनकी डिलीवरी के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया, "यह केवल मीडिया में है, यह बिक्री के लिए अच्छा है." इस बयान ने उन सभी खबरों पर विराम लगा दिया, जो पिछले एक साल से पाकिस्तानी और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में जोर-शोर से प्रचारित हो रही थीं. दावा किया गया कि पाकिस्तान ने चीन से 40 J-35 विमानों का सौदा पक्का कर लिया है.
J-35 विमान और उसका महत्व
J-35 को FC-31 के नाम से भी जाना जाता है. यह चीन के एडवांस फाइटर जेट है. यह विमान हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों तरह के मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक, नेक्स्ट जेनरेशन एवियोनिक्स और लेजर-निर्देशित हथियारों की क्षमता है. यह विमान अभी अपने परीक्षण चरण में है और इसे चीन की वायुसेना और नौसेना के लिए विकसित किया जा रहा है. यदि पाकिस्तान इसे हासिल करता, तो वह अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा देश होता, जिसके पास दो पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ विमान होते.
पिछले एक साल से अधिक समय से पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पर J-35 की खरीद को लेकर उत्साहजनक खबरें सामने आ रही थीं. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पाकिस्तानी वायुसेना के पायलट पहले ही चीन में है और J-35 की ट्रेनिंग ले रहे हैं. यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी सोशल मीडिया पर इस सौदे की घोषणा की थी, जिसमें 40 J-35 विमानों के साथ-साथ KJ-500 AWACS और HQ-19 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद का जिक्र था.