नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के साउथ ऑकलैंड में शनिवार को एक शांतिपूर्ण सिख धार्मिक जुलूस के दौरान उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब एक ईसाई विरोध समूह ने नगर कीर्तन का सामना किया. इस घटना के बाद देश में धार्मिक स्वतंत्रता, अल्पसंख्यक अधिकारों और सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर व्यापक निंदा और नई बहस शुरू हो गई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना मनुरेवा क्षेत्र में आयोजित एक निर्धारित नगर कीर्तन के दौरान हुई. नगर कीर्तन सिख समुदाय का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक जुलूस होता है, जिसे स्थानीय सिख समुदाय ने सभी आवश्यक प्रशासनिक परमिट के साथ आयोजित किया था. इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे और कार्यक्रम शांतिपूर्वक आगे बढ़ रहा था.
घटना का वीडियो हुए वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि खुद को 'ट्रू पैट्रियट्स ऑफ NZ' कहने वाले समूह के सदस्य जुलूस के सामने खड़े हो गए. पुलिस दोनों समूहों के बीच मौजूद रही ताकि स्थिति हिंसक न हो. नीली शर्ट पहने प्रदर्शनकारियों के कपड़ों पर 'कीवीज फर्स्ट', 'कीप NZ, NZ' और 'ट्रू पैट्रियट' जैसे नारे लिखे थे. उन्होंने एक बड़ा बैनर भी पकड़ा हुआ था, जिस पर लिखा था, 'यह न्यूजीलैंड है, भारत नहीं'.
Strongly condemn the disruption of the peaceful ‘Nagar Kirtan’ procession in South Auckland, New Zealand, yesterday by local protesters.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) December 21, 2025
Nagar Kirtan is a sacred Sikh tradition—a joyous religious parade involving the singing of hymns from Sri Guru Granth Sahib Ji, promoting… pic.twitter.com/DnCwX0XO5b
प्रदर्शनकारियों को पारंपरिक माओरी युद्ध नृत्य हाका करते हुए और 'एक सच्चा ईश्वर' व 'यीशु' जैसे नारे लगाते हुए देखा गया. बताया गया कि यह समूह डेस्टिनी चर्च से जुड़ा है, जो एक कट्टर ईसाई संगठन है. इस संगठन का नेतृत्व विवादास्पद धार्मिक और राजनीतिक नेता ब्रायन तमाकी करते हैं.
ब्रायन तमाकी ने सोशल मीडिया पर टकराव का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि यह उनकी जमीन है और वे अपने विश्वास के लिए खड़े हैं. एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि जब विदेशी धर्मों की संख्या बढ़ रही है, तब कीवी चुप नहीं रहेंगे और यह केवल शुरुआत है. उनके बयानों ने विवाद को और गहरा कर दिया.
इंस्पेक्टर मैट होयस के हवाले से बताया गया कि लगभग 50 प्रदर्शनकारियों ने दोपहर करीब 2 बजे सड़क जाम कर परेड को बाधित करने की कोशिश की. पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और अतिरिक्त बल बुलाकर यह सुनिश्चित किया कि नगर कीर्तन सुरक्षित रूप से आगे बढ़ सके. उन्होंने कहा कि विरोध का अधिकार है, लेकिन सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने या दूसरों के कानूनी अधिकारों में बाधा डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इस घटना पर न्यूजीलैंड सिख यूथ ने कड़ा बयान जारी कर विरोध किया. संगठन ने कहा कि नगर कीर्तन भक्ति, एकता और सेवा पर आधारित होता है और इसमें अक्सर मुफ्त भोजन का वितरण किया जाता है. प्रदर्शनकारियों के नारे और हाका को उन्होंने कार्यक्रम की शांतिपूर्ण भावना के खिलाफ बताया.
भारत से भी तीखी प्रतिक्रिया आई. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया और विदेश मंत्री एस जयशंकर से न्यूजीलैंड सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाने की अपील की.