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India Daily

Nepal Gen Z Demands: नेपाल के पूर्व पीएम ओली पर टूटा Gen-Z का गुस्सा, प्रदर्शनकारियों ने रखीं ये दो बड़ी शर्तें

नेपाल में ‘जनरेशन जेड’ समूह ने हाल के प्रदर्शनों के दौरान हुई गोलीबारी में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, तत्कालीन गृहमंत्री रमेश लेखक और काठमांडू के मुख्य जिला अधिकारी की गिरफ्तारी की मांग की है. साथ ही उन्होंने 1990 से अब तक नेताओं और अधिकारियों की संपत्ति की जांच के लिए आयोग गठित करने की भी मांग की है.

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Edited By: Km Jaya
Generation Z group in Nepal
Courtesy: @K P Sharma Oli and @Rahul Raut

Nepal Gen Z Demands: नेपाल में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद ‘जनरेशन जेड’ समूह ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और तत्कालीन गृहमंत्री रमेश लेखक की गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी है. इस आंदोलन की शुरुआत 8 सितंबर को सरकार द्वारा सोशल मीडिया बैन और कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ हुई थी. इन प्रदर्शनों के दौरान गोलीबारी और हिंसा में कम से कम 72 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल थे.

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि 8 सितंबर को नई बानेश्वर इलाके में हुई गोलीबारी में 19 कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी और इसके लिए सीधे तौर पर ओली, रमेश लेखक और काठमांडू के मुख्य जिला अधिकारी छवि रिजाल जिम्मेदार हैं. ‘जनरेशन जेड’ की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में सलाहकार डॉ. निकोलस बुशल ने कहा कि इन तीनों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए. साथ ही उन्होंने 1990 से अब तक सभी शीर्ष नेताओं और सरकारी अधिकारियों की संपत्ति की जांच के लिए उच्चस्तरीय आयोग बनाने की भी मांग रखी.

पूर्व पीएम ओली ने किया आरोपों से इनकार 

इसी क्रम में प्रदर्शनकारियों ने सिंहदरबार सचिवालय के पास स्थित माइटिघर मंडला में भी धरना दिया. उनका कहना है कि ओली और रमेश लेखक की गिरफ्तारी के बिना आंदोलन समाप्त नहीं होगा. इस बीच, पदच्युत प्रधानमंत्री ओली ने पहली बार सार्वजनिक बयान जारी कर खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का कोई आदेश नहीं दिया था. ओली के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान जिन हथियारों से फायरिंग हुई, वे पुलिस के पास थे ही नहीं. उन्होंने हिंसा की जिम्मेदारी घुसपैठियों पर डालते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है.

नेपाल में हालात 

नेपाल में हालात अब धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं. कर्फ्यू में ढील दी गई है, सेना ने अपनी तैनाती घटा दी है, बाजार और यातायात फिर से शुरू हो गए हैं. अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की ने शपथ ली है. हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी दोनों प्रमुख मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. देश में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन ओली की सत्ता से विदाई का कारण बना. सरकार ने सोशल मीडिया बैन वापस ले लिया है, लेकिन प्रदर्शनकारी अब जवाबदेही और जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं.