Kathmandu Cleanup Campaign: नेपाल में सोशल मीडिया बैन और राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ भड़के विरोध प्रदर्शनों के बाद हालात धीरे-धीरे बदलते दिख रहे हैं. बुधवार 10 सितंबर को इन्हीं 'जेन जेड' युवाओं ने हिंसा और आगजनी से जली-टूटी काठमांडू की सड़कों पर सफाई अभियान शुरू कर दिया. कई वीडियो और तस्वीरों में युवा हाथों में झाड़ू और कचरे के थैले लेकर शहर की टूटी सड़कें और जली इमारतों के आसपास फैले मलबे को साफ करते दिखे.
यह कदम प्रदर्शनकारियों की ओर से यह संदेश देने के लिए उठाया गया कि उनका असली मकसद देश को तोड़ना नहीं बल्कि उसे बदलना है. मंगलवार 9 सितंबर को काठमांडू और अन्य शहरों में गुस्साए 'जेन जेड' प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, बड़े राजनीतिक दलों के कार्यालयों और कई पूर्व प्रधानमंत्रियों के घरों को आग के हवाले कर दिया था.
A day after massive protests, GenZ now engaged in cleaning up Kathmandu pic.twitter.com/tiSGYRBfwC
— Sidhant Sibal (@sidhant) September 10, 2025Also Read
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इन प्रदर्शनों में 19 युवाओं की मौत हुई थी, जिसके बाद पूरे देश में उथल-पुथल मच गई. भारी हिंसा और आगजनी के बीच कई मंत्रियों और नेताओं पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला किया. कर्फ्यू तोड़कर हजारों युवक सड़कों पर उतर आए, जबकि सेना के हेलिकॉप्टरों से ओली मंत्रिमंडल के सदस्यों को सुरक्षित निकाला गया. इस हालात के बीच नेपाल की राजधानी मानो बिना सरकार के रह गई थी.
ये प्रदर्शन कुछ महीने पहले शुरू हुए थे, जब 'नेक्स्ट जेनरेशन नेपाल' नामक फेसबुक पेज समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ आवाज उठाई जाने लगी. इस पोस्ट्स में किसी नेता का नाम नहीं था, लेकिन इससे यह साफ हो गया कि विरोध करने वाले ज्यादातर 1996 से 2012 के बीच जन्मे युवा हैं, और इन्हें ही 'जेन जेड' कहा जाता है.
इस पूरी उठापटक ने नेपाल की राजनीति को हिला दिया है. जहां एक ओर हिंसा और खूनखराबे ने देश को गहरे संकट में डाल दिया, वहीं दूसरी ओर अब वही युवा सफाई और पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी उठाते दिख रहे हैं. काठमांडू की सड़कों पर उनका यह नया चेहरा दुनिया को यह संदेश देता है कि गुस्से के बीच भी बदलाव की जिम्मेदारी संभालना इस पीढ़ी की प्राथमिकता है.