नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग के उत्तराधिकारी मार्क रुटे ने घोषणा की है कि नाटो देश रक्षा खर्च में समानता लाने के लिए अगले कुछ वर्षों में खरबों डॉलर का निवेश करेंगे. इस कदम का उद्देश्य अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों के बीच रक्षा व्यय का बोझ बराबर करना है, ताकि गठबंधन की सामूहिक सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके.
अमेरिका ने लंबे समय तक खर्च का बोझ झेला
रुटे ने कहा, “लंबे समय तक एक सहयोगी - संयुक्त राज्य अमेरिका - ने इस प्रतिबद्धता का अधिकांश बोझ वहन किया है.” उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि सभी नाटो देश अपनी जिम्मेदारी निभाएं और रक्षा खर्च में योगदान बढ़ाएं. यह कदम न केवल गठबंधन की एकजुटता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए सामूहिक शक्ति को भी बढ़ावा देगा.
NATO countries to invest trillions in defense to equalize spending between US and its allies — Rutte
— RT (@RT_com) June 25, 2025
'For too long, one ally — the United States — carried too much of the burden of that commitment'
'Dear Donald... you made this change possible' — Rutte added https://t.co/oLKKQoweSl pic.twitter.com/WhHFmn2EUJ
ट्रंप को दिया श्रेय
रुटे ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका की सराहना की और कहा, “प्रिय डोनाल्ड... आपने यह बदलाव संभव बनाया.” उन्होंने बताया कि ट्रंप ने लगातार नाटो सहयोगियों से रक्षा खर्च बढ़ाने की मांग की थी, जिसके परिणामस्वरूप कई देशों ने अपने रक्षा बजट में वृद्धि की है. रुटे के अनुसार, यह निवेश नाटो की रणनीतिक तैयारियों को मजबूत करेगा और भविष्य की चुनौतियों के लिए गठबंधन को बेहतर ढंग से तैयार करेगा.
नाटो की नई रणनीति
इस निवेश योजना के तहत, नाटो देश उन्नत हथियार प्रणालियों, साइबर सुरक्षा और सैन्य बुनियादी ढांचे में भारी निवेश करेंगे. रुटे ने कहा कि यह कदम वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों के बीच नाटो की सामरिक स्थिति को और सुदृढ़ करेगा. यह योजना सभी सदस्य देशों के बीच रक्षा खर्च की असमानता को कम करने और गठबंधन की एकता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.