Psyche Mission: प्रथ्वी का निर्माण कैसे हुआ यह जानने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने फ्राइडे को अपना साइकी मिशन लॉन्च किया. इस मिशन के जरिए नासा अपने स्पेसक्राफ्ट को एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रह साइकी पर भेज रहा है. इस एस्टेरॉयड पर बड़ी मात्रा में बेशकीमती धातु जैसे-सोना, चांदी, लोहा, निकिल का बड़ा भंडार है. नासा अपने इस मिशन में इस क्षुद्रग्रह का अध्ययन करेगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे हमें ग्रहों के कोर और पृथ्वी के बनने के बारे में हमें जानकारी प्राप्त हो सकती है.
साइकी एस्टेरॉयड की सबसे पहले खोज इटली के एस्ट्रोनॉमर एनिबेले डी गास्पेरिस ने खोजा था. इस नाम को ग्रीक भाषा में आत्मा की देवी के नाम पर रखा गया है. पृथ्वी के रडार से नजर आने वाले एस्टेरॉयड में यह सबसे बड़ा है. इससे पृथ्वी के और अन्य ग्रहों के बारे में बेशकीमती जानकारी मिलने की संभावना है. पृथ्वी का लौह कोर चुंबकीय क्षेत्र के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है. यह हमारे वायुमंडल की रक्षा करता है जिस वजह से पृथ्वी पर जीवन संभव है.
नासा के साइकी मिशन का उद्देश्य पृथ्वी से करीब 220 करोड़ मील दूर एस्टेरॉयड के बारे में जानकारी प्रदान करना है. नासा का यह मिशन अपनी यात्रा पूरी करने के लिए सोलर इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन का प्रयोग करेगा. एस्टेरॉयड साइकी अंतरिक्ष में मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य एस्टेरॉयड बेल्ट में है. यह पृथ्वी से लगभग 3.5 अरब किमी की दूरी पर है. रिपोर्ट के मुताबिक नासा का मिशन 26 महीनों तक साइकी का चक्कर लगाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह एस्टेरॉयड बेहद बेशकीमती माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस पर 10,000 क्वाड्रिलियन डॉलर का लोहा, निकल और सोना मौजूद हो सकता है. एक क्वाड्रिलियन में 15 जीरो होते हैं. यह ट्रिलियन के बाद आने वाला नंबर है.
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