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India Daily

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा हमला, बम निरोधक दस्ते के पांच जवान मारे गए

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमला इतना सुनियोजित था कि जवानों को बचने का मौका ही नहीं मिला. हमले के बाद उग्रवादी मौके से फरार हो गए जिसके बाद क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
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Courtesy: Social Media

पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में मंगलवार को उग्रवादियों ने एक सुनियोजित हमले में बम निरोधक दस्ते (बीडीयू) के कम से कम पांच जवानों को निशाना बनाया.पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह हमला उस समय हुआ जब दस्ता एक संदिग्ध विस्फोटक उपकरण को निष्क्रिय करने के लिए क्षेत्र में तैनात था. इस घटना ने एक बार फिर प्रांत में बढ़ते उग्रवादी खतरों और सुरक्षा बलों के सामने मौजूद चुनौतियों को उजागर किया है.

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के एक अशांत इलाके में हुआ जहां उग्रवादी समूह लंबे समय से सक्रिय हैं. बम निरोधक दस्ते को सूचना मिली थी कि एक संदिग्ध विस्फोटक उपकरण (आईईडी) इलाके में रखा गया है. दस्ते ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और उपकरण को निष्क्रिय करने के लिए मौके पर पहुंचा. लेकिन जैसे ही जवान इस कार्य में जुटे, उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया. 

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमला इतना सुनियोजित था कि जवानों को बचने का मौका ही नहीं मिला. हमले के बाद उग्रवादी मौके से फरार हो गए जिसके बाद क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया. अभी तक किसी भी उग्रवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पुलिस का मानना है कि यह किसी स्थानीय आतंकवादी संगठन का काम हो सकता है, जो इस क्षेत्र में लगातार हमले करता रहा है.

खैबर पख्तूनख्वा में उग्रवाद का इतिहास

खैबर पख्तूनख्वा, विशेष रूप से अफगानिस्तान सीमा से सटे इलाके, लंबे समय से उग्रवादी गतिविधियों का केंद्र रहे हैं. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अन्य  संगठन इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और अक्सर सुरक्षा बलों, पुलिस और नागरिकों को निशाना बनाते हैं. हाल के वर्षों में इन संगठनों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और घात लगाकर हमले, बम विस्फोट और लक्षित हत्याओं को अंजाम दे रहे हैं.