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India Daily

पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा का टॉप आतंकी सैफुल्लाह खालिद हुआ ढेर, भारत में हुए 3 आतंकी हमलों मे था शामिल

रजाउल्लाह निजामानी की हत्या लश्कर-ए-तैयबा के लिए बड़ा झटका है और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मोड़ है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं, ताकि इसके पीछे की सच्चाई सामने आ सके.

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Edited By: Mayank Tiwari
Lashkar-e-Taiba terrorist Razaullah Nizamani
Courtesy: Social Media

लश्कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकी सैफुल्लाह खालिद को पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया है. वह लंबे समय से नेपाल से अपने नापाक हरकतों को ऑपरेट कर रहा था. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा का वरिष्ठ आतंकवादी रजाउल्लाह निजामानी, जिसे अबू सैउल्लाह के नाम से भी जाना जाता था, रविवार (18 मई) को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात हमलावरों द्वारा मार दिया गया.निजामानी भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि निजामानी, जिसे कथित तौर पर पाकिस्तानी सरकार का संरक्षण प्राप्त था, उसको सिंध के मटली में अपने घर से निकलने के बाद एक चौराहे के पास गोली मार दी गई. फिलहाल, हमले की परिस्थितियां अभी अस्पष्ट हैं, और हमलावरों की पहचान नहीं हो सकी है. हालांकि, इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि निजामानी एक प्रमुख आतंकी था.

भारत में कौन से हमले में सैफुल्लाह था शामिल?  

बता दें कि, रजाउल्लाह निजामानी 2006 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय पर हमले का प्रमुख साजिशकर्ता था, जिसमें कई लोग घायल हुए और देश में व्यापक आक्रोश फैला था. इसके अलावा, वह 2005 में बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) पर हमले में शामिल था, जिसमें एक प्रोफेसर की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे. वहीं, 2001 में रामपुर के सीआरपीएफ शिविर पर आतंकी हमले से भी जुड़ा था. इस हमले में करीब 7 जवान शहीद हो गए थे. हालांकि,इस मामले में NIA ने तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बता दें कि, इन हमलों ने भारत की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर चुनौती दी थी.

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम

रजाउल्लाह निजामानी की मौत को पाकिस्तान आधारित आतंकी समूहों के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण घटना माना जा रहा है. भारतीय अधिकारी इस हत्या के पीछे के मकसद और अपराधियों की तलाश में गहन जांच कर रहे हैं. क्योंकि, यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार आतंकवाद और सुरक्षा चिंताओं को लेकर तनाव के बीच हुई है, जिसने क्षेत्रीय स्थिरता पर चर्चा को और तेज कर दिया है.