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चावल को लेकर कृषि मंत्री ने ऐसा क्या कहा कि देना पड़ा इस्तीफा, यहां पढ़ें पूरा मामला

जापान के कृषि मंत्री ताकू एटो ने समर्थकों से चावल लेने के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने के बाद बुधवार को इस्तीफा दे दिया. दरअसल, मंत्री की इस टिप्पणी से जनता में रोष फैल गया, क्योंकि जापान में उपभोक्ता बढ़ती खाद्य कीमतों का सामना कर रहे हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
aku Eto resigns as Japan's agriculture minister.
Courtesy: Social Media

जापान में चावल की आसमान छूती कीमतों के बीच कृषि मंत्री ताकु एटो ने एक विवादास्पद बयान के बाद बुधवार (21 मई) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके बयान ने जनता के गुस्से को और भड़का दिया, जो पहले से ही इस महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ की कीमतों में तेजी से बढ़ रही बढ़ोत्तरी से परेशान है.
 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते एक सभा में ताकु एटो ने कहा, "मैंने कभी खुद चावल नहीं खरीदा क्योंकि मेरे समर्थक मुझे इतना चावल दान करते हैं कि मैं इसे बेच सकता हूं." इस बयान ने जापान में तीखी प्रतिक्रिया पैदा की, जहां चावल की कमी और कीमतों में उछाल ने लोगों को परेशान कर रखा है. अप्रैल 2024 की तुलना में पिछले महीने चावल की कीमतें लगभग दोगुनी हो चुकी हैं.

चावल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के क्या हैं कारण!

दरअसल, चावल की कीमतों में यह वृद्धि कई कारणों से हुई है. चूंकि, साल 2023 में गर्म मौसम के कारण फसल खराब हुई, जिसने उत्पादन को प्रभावित किया. इसके अलावा, पिछले साल "मेगाक्वेक" की चेतावनी के बाद लोगों में घबराहट के कारण जमाखोरी बढ़ी. पर्यटन में उछाल ने भी मांग को बढ़ाया. ऐसे में सरकार ने आपातकालीन चावल भंडार जारी करने की कोशिश की, लेकिन कीमतों को नियंत्रित करने में सफलता नहीं मिली.

विपक्ष और जनता का फूटा मंत्री पर गुस्सा

इस दौरान जापान के विपक्षी दल, संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ जापान के महासचिव जुन्या ओगावा ने एटो के बयान को "बेहद अनुचित, असंवेदनशील और असहनीय" करार दिया. प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा, जिनकी लोकप्रियता खाद्य कीमतों में वृद्धि के कारण पहले ही कम हो रही है, उन्होंने भी इसे "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बताया. उन्होंने कहा, "कृषि मंत्री का काम अब चावल की कीमतों का समाधान निकालना है. मैं उनसे समाधान की उम्मीद करता हूं."

इस्तीफे की राह

विपक्षी दलों ने इशिबा की अल्पमत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दी थी, जिसे जुलाई में होने वाले ऊपरी सदन के चुनावों में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. सोमवार को एटो ने अपने बयान को वापस लेने की कोशिश की और कहा, "मेरी पत्नी ने मुझे बताया कि जब दान किया हुआ चावल खत्म हो जाता है, तो वह चावल खरीदती हैं."

उन्होंने यह भी कहा, "ऐसा नहीं है कि हमारा परिवार पूरी तरह से दान किए गए चावल पर निर्भर है." लेकिन बुधवार को, इशिबा के "बेहद कड़े शब्दों" के बाद एटो ने इस्तीफा दे दिया. इशिबा ने ऊपरी सदन की सभा में कहा, "मैंने उनकी नियुक्ति की थी, इसलिए यह मेरी जिम्मेदारी है. मैं जापानी जनता से माफी मांगता हूं."

नया नेतृत्व से जनता की उम्मीदें

एटो के उत्तराधिकारी के रूप में इशिबा ने 44 वर्षीय शिंजिरो कोइज़ुमी को नियुक्त किया गया है, जो पूर्व पर्यावरण मंत्री और लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी के बेटे हैं. इशिबा ने कहा कि वह कोइज़ुमी से "चावल की बढ़ती कीमतों के बीच मजबूत नेतृत्व" की उम्मीद करते हैं.

इस बीच टोक्यो में एक रेस्तरां में काम करने वाली 68 वर्षीय मतदाता क्योको सातो ने कहा, "मैं एटो के बयान से हैरान और निराश हूं. मैं रविवार को घर पर केवल एक बार चावल खा पाती हूं. चावल की कीमत दोगुनी हो गई है." उन्होंने बताया, "मैं पेंशनभोगी हूं, लेकिन केवल पेंशन से गुजारा नहीं हो पाता, इसलिए मुझे काम करना पड़ता है."