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India Daily

जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं के लिए शुरू किया 'जिहादी कोर्स', मसूद अजहर की बहन देगी ट्रेनिंग; धन जुटाने के लिए अपनाया नया हथकंडा

Jamat ul-Muminat: पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अब महिलाओं के लि खास विंग की शुरूआत कर रहा है. नवगठित महिला शाखा, जमात-उल-मुमिनात का नेतृत्व आतंकी मसूद अजहर की छोटी बहन करेंगी. जिसमें महिलाओं को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी.

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Edited By: Shanu Sharma
Masood Azhar
Courtesy: X (@valvimangal08)

Jamat ul-Muminat: पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ना केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में अपना आतंक बढ़ाता जा रहा है. JeM ने अब महिलाओं को भी अपने इस आतंक का हिस्सा बनाने का फैसला लिया है. जिसके लिए अपनी नवगठित महिला शाखा, जमात-उल-मुमिनात में महिलाओं की भर्ती पर जोर दे रहा है. 

जैश-ए-मोहम्मद ने इस विंग में महिलाओं की भर्ती के साथ-साथ धन जुटाने के प्रयासों के तहत एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम 'तुफात अल-मुमिनात' शुरू किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस ऑनलाइन कोर्स का उद्देश्य धार्मिक और जिहाद-उन्मुख पाठों के माध्यम से महिलाओं को JeM की महिला ब्रिगेड में प्रशिक्षित और भर्ती करना है.

महिलाओं को टारगेट करने की पूरी कोशिश 

जैश द्वारा शुरू किए गए इस कोर्स को 8 नवंबर से शुरू किया जाएगा. जिसमें 40 मिनट का रेगुलर सेशन रखा गया है. इस सत्र को JeM प्रमुख मसूद अजहर की बहनों, सादिया अजहर और समायरा अजहर द्वारा ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से संचालित किए जाएंगे. इस कोर्स को करने के लिए 500 रुपये दान के रूप देने की भी बात कही गई है. मिल रही जानकारी के मुताबिक इस कोर्स के दौरान प्रतिभागियों को जिहाद और इस्लाम के दृष्टिकोण से उनके कर्तव्यों के बारे में सिखाया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि रूढ़िवादी सामाजिक मानदंड़ों की वजह से इस कोर्स को ऑनलाइन रखा गया है. महिलाओं के आवाजाही में कई तरह के प्रतिबंध होते हैं. ऐसे में यह ऑनलाइन कोर्स को कोई भी महिला आसानी से ज्वाइन कर सकती है. इससे पहले भी  आईएसआईएस, हमास और लिट्टे द्वारा महिलाओं का अलग विंग चलाया जाता रहा है. ऐसे में अब जैश-ए-मोहम्मद भी फिदायीन या आत्मघाती अभियानों के लिए महिलाओं को तैयार करने की कोशिश में है. 

धन जुटाने का नया तरीका 

पाकिस्तान की महिलाओं को इस ओर लाने के लिए पीओके वाले कश्मीर के रावलकोट में दुख्तरान-ए-इस्लाम नामक एक कार्यक्रम भी आयोजित किया था. हालांकि इस तरह के अभियान को अक्सर फ्री तरीके से कराया जाता था, लेकिन इस  अभियान में 500 का कोर्स शुल्क बताता है कि यह आतंकी संगठन अलग-अलग तरीके से जुटानी की कोशिश कर रहा है. बता दें कि मसूद अज़हर ने अपनी छोटी बहन सादिया अज़हर का पति यूसुफ़ अज़हर भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारा गया था. जिसके बाद अब उसकी पत्नी महिलाओं को इस ओर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.