अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा में ग्रुप ऑफ सेवन (G7) शिखर सम्मेलन की शुरुआत एक प्रस्ताव के साथ की. उन्होंने रूस को समूह में फिर से शामिल करना और चीन को भी जोड़ना के वकालत की है. कनाडाई प्रधान मंत्री और शिखर सम्मेलन के मेजबान मार्क कार्नी के साथ पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा कि क्रीमिया पर कब्जे के बाद 2014 में तत्कालीन G8 से रूस को हटाना एक बहुत बड़ी गलती थी.
ट्रम्प ने कहा, G7 पहले G8 हुआ करता था. बराक ओबामा और ट्रूडो रूस को इसमें शामिल नहीं करना चाहते थे उन्होंने गलत तरीके से रूस को बाहर करने का श्रेय कनाडा के वर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को दिया जो एक साल बाद चुने गए थे. मुझे लगता है कि अगर रूस इसमें शामिल होता तो अभी युद्ध नहीं होता और अगर चार साल पहले ट्रम्प राष्ट्रपति होते तो भी अभी युद्ध नहीं होता.
पुतिन को 'मेज पर' होना चाहिए
ट्रम्प ने सुझाव दिया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को वैश्विक चर्चाओं में शामिल करने से यूक्रेन में वर्तमान संघर्ष को रोका जा सकता था. पुतिन मुझसे बात करते हैं. वह किसी और से बात नहीं करते. वह बात नहीं करना चाहते क्योंकि जब उन्हें जी8 से बाहर निकाला गया तो उनका बहुत अपमान हुआ था.
चीन को भी जी-7 का हिस्सा होना चाहिए?
जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन को भी जी-7 का हिस्सा होना चाहिए, तो ट्रंप ने जवाब दिया यह कोई बुरा विचार नहीं है. अगर कोई सिर्फ़ चीन को इसमें शामिल होते देखना चाहता है तो मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है. ट्रम्प की यह टिप्पणी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ उनकी निर्धारित बैठक से ठीक एक दिन पहले आई है . उम्मीद है कि ज़ेलेंस्की ट्रम्प पर दबाव डालेंगे कि वे सीनेट द्वारा पहले से ही स्वीकृत किए गए कड़े अमेरिकी प्रतिबंधों को वापस लें जो रूस द्वारा 30-दिवसीय युद्धविराम पर सहमत होने से इनकार करने के जवाब में हैं.
बैठक से पहले, ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस इस युद्ध को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा की जा रही हर कोशिश को नकार रहा है. यह युद्ध बहुत पहले ही समाप्त हो सकता था अगर दुनिया ने रूस के साथ छल-कपट और झूठ में फंसने के बजाय सैद्धांतिक तरीके से प्रतिक्रिया की होती.