एक क्लिक और उड़ जाएगा..., ईरान ने सुसाइड ड्रोन से उठाया पर्दा, अमेरिका और इजरायल को दे डाला खुला चैलेंज!
ईरान की यह नई सैन्य क्षमता अमेरिका और इज़रायल दोनों के लिए चिंता का विषय हो सकती है, और यह संभावना जताई जा रही है कि यह आगे चलकर क्षेत्रीय सुरक्षा पर गहरा असर डालेगी.
Iran suicide drone Rezvan: ईरान ने हाल ही में अपनी नई सुसाइड ड्रोन "रेज़वान" का पर्दाफाश किया है, जिसे पहली बार दुनिया के सामने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) द्वारा प्रदर्शित किया गया. यह ड्रोन इजरायल के उविज़न हीरो सीरीज से काफी मेल खाता है, जिसे लेकर विशेषज्ञों ने इसे इजरायल के ड्रोन का एक संभावित नकल बताया है. इस ड्रोन के खुलासे के साथ, ईरान ने अमेरिका और इज़रायल को खुला चुनौती देते हुए अपनी सैन्य क्षमता को प्रदर्शित किया है.
रेजवान ड्रोन की विशेषताएं
ईरान के मुताबिक, रेज़वान ड्रोन 20 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है और इसका संचालन लगभग 20 मिनट तक संभव है. यह ड्रोन अपने ऑपरेटर को लाइव वीडियो प्रसारित करता है, जिससे सटीक हमलों के लिए मार्गदर्शन प्राप्त होता है.
IRGC के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद पाकपुर ने कहा, "हमारे ड्रोन ने सफलतापूर्वक ऑपरेशनों को अंजाम दिया है और लक्ष्यों पर हमला करने में बहुत प्रभावी साबित हुए हैं." इसका मतलब है कि यह ड्रोन ईरान की सैन्य योजनाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है, जो संभवत: कई देशों के लिए खतरे की घंटी साबित हो.
1000 ड्रोन तैनाती का प्लान
ईरान ने यह भी घोषणा की है कि वह प्रारंभ में 1000 रेज़वान ड्रोन तैनात करेगा. सेना के ग्राउंड फोर्स कमांडर कियूमर्स हैदरी ने इस योजना को महत्वपूर्ण बताया है, जिसके अनुसार इन ड्रोन का विशाल बेड़ा उनकी सटीकता, गति और खुफिया क्षमताओं को बढ़ाएगा. इस तरह के ड्रोन का इस्तेमाल ईरान की सैन्य ताकत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.
इजरायल के ड्रोन को किया कॉपी
विशेषज्ञों के अनुसार, ईरान के द्वारा पेश किए गए रेज़वान ड्रोन की डिजाइन और कार्यक्षमता इजरायल के उविज़न हीरो सीरीज से काफी मेल खाती है. इजरायल के हीरो ड्रोन में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इंफ्रारेड कैमरे लगे होते हैं, जो रीयल-टाइम दृश्य प्रदान करते हैं. इससे ऑपरेटर को उड़ान मार्ग को समायोजित करने की सुविधा मिलती है और ड्रोन को स्वायत्त मिशन के लिए भी प्रोग्राम किया जा सकता है.
ईरान का यह कदम वैश्विक सुरक्षा में बदलाव का संकेत हो सकता है, क्योंकि यह न केवल इजरायल के सैन्य उपकरणों की नकल करने के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी रणनीतिक योजनाओं को और भी जोखिमपूर्ण बना सकता है.
रक्षा विशेषज्ञों की राय
हालांकि, कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान के अधिकांश हथियार, जिनका वह दावा करता है कि उसने इन्हें स्वदेशी रूप से विकसित किया है, दरअसल विदेशी प्रौद्योगिकियों की नकल होते हैं. इस संदर्भ में रेज़वान ड्रोन भी उसी कड़ी में माना जा सकता है. ईरान के सैन्य प्रयासों का उद्देश्य अपने दुश्मनों को चुनौती देना और दुनिया में अपनी उपस्थिति को अधिक प्रभावी बनाना है.
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