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India Daily

अमेरिका ने दिया परमाणु वार्ता फिर से शुरू करने का ऑफर, ईरान ने रख दी ये शर्त

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा अगर ईरानी लोगों के हितों को सुरक्षित करने का अवसर मिलता है, तो हम इसे नहीं छोड़ेंगे. कूटनीति के दरवाजे कभी बंद नहीं होते.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Iran says it Is considering US offer to restart nuclear talks

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि अमेरिका तेहरान के साथ परमाणु वार्ता को पुनर्जनन की कोशिश कर रहा है, लेकिन ईरान बिना सोचे-समझे बातचीत में शामिल होने की जल्दबाजी में नहीं है. 

अमेरिका की वार्ता की कोशिशें

शनिवार को टेलीविजन पर दिए बयान में अराघची ने कहा, “अमेरिकी वार्ता की मेज पर लौटने पर जोर दे रहे हैं.” उन्होंने बताया कि ईरान को कई संदेश मिले हैं और देश वार्ता के समय, स्थान और संरचना पर विचार कर रहा है. हालांकि, उन्होंने जोर दिया, “हम बिना सोचे-समझे वार्ता में जल्दबाजी नहीं करेंगे.”

अराघची ने पहले ओमान की मध्यस्थता वाली अमेरिका के साथ वार्ता में मुख्य negotiator की भूमिका निभाई थी, जो 13 जून को इजरायल के ईरान के परमाणु ठिकानों पर अप्रत्याशित हमले के बाद विफल हो गई थी.

हमले और जवाबी कार्रवाई

इजरायल के हमले में कई वरिष्ठ सैन्य और परमाणु अधिकारी मारे गए, और तेहरान के इविन जेल सहित घनी आबादी वाले क्षेत्र प्रभावित हुए. 22 जून को अमेरिका ने इजरायल के साथ मिलकर ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि ईरान का परमाणु ढांचा “तबाह” हो गया, जबकि ईरानी अधिकारियों ने कहा कि ठिकाने “बुरी तरह क्षतिग्रस्त” हुए, लेकिन नष्ट नहीं. जवाब में, ईरान ने अमेरिकी सैनिकों द्वारा उपयोग की जाने वाली कतर की वायुसेना अड्डे पर मिसाइलें दागीं.  जून के अंत में दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम लागू हुआ, जो अब तक कायम है.

वार्ता के लिए शर्तें

अराघची ने कहा कि ईरान को गारंटी चाहिए कि असफल वार्ता के बाद फिर से हमला नहीं होगा.  उन्होंने बिना विस्तार दिए कहा, “कुछ आश्वासन मिले हैं कि अब युद्ध नहीं होगा, और हम इनकी समीक्षा कर रहे हैं.” “अगर ईरानी लोगों के हितों को सुरक्षित करने का अवसर मिलता है, तो हम इसे नहीं छोड़ेंगे. कूटनीति के दरवाजे कभी बंद नहीं होते.”

IAEA के साथ सहयोग

अराघची ने यह भी दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ ईरान का सहयोग “रुका नहीं है.” लेकिन अब निगरानी अनुरोधों की “केस-दर-केस” समीक्षा होगी और इसे ईरान का सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ही संभालेगा.