ईरान ने हाल ही में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को कड़ी चेतावनी जारी की है. ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार, यह चेतावनी इजरायल को समर्थन देने के जवाब में दी गई है. इस घटनाक्रम ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान ने स्पष्ट किया है कि यदि अमेरिका, ब्रिटेन या फ्रांस ने इजरायल को किसी भी तरह का समर्थन दिया, तो वह इन देशों के सैन्य ठिकानों और जहाजों को निशाना बनाएगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान का यह बयान क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर बढ़ते तनाव का संकेत देता है. ईरान की इस चेतावनी ने वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह मध्य पूर्व में पहले से ही जटिल स्थिति को और गंभीर बना सकता है.
इजरायल और ईरान के तनाव पर ब्रिटेन ने साधी चुप्पी
ब्रिटेन ने अभी तक ईरान की इस चेतावनी या इजरायल की सुरक्षा के लिए किए गए प्रयासों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. बीबीसी संवाददाता जैक फेनविक को बताया गया है कि इजरायल ने ब्रिटेन से किसी भी तरह की सैन्य सहायता का अनुरोध नहीं किया है. सरकारी सूत्रों ने भी इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं की है. हालांकि, अतीत में जब ईरान ने ड्रोन के जरिए इजरायल पर हमला किया था, तब ब्रिटेन ने साइप्रस से आरएएफ टाइफून जेट भेजकर इन ड्रोनों को नष्ट किया था.
जानें इजरायल और ईरान के बीच क्यों हो रहा तनाव!
शुक्रवार को इजरायल ने ईरान के विभिन्न ठिकानों पर हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने इसराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इस जवाबी कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि उसे अपने परमाणु कार्यक्रम पर समझौता करना होगा. उन्होंने कहा, "अगर ऐसा नहीं हुआ तो इजरायल और भी ज़्यादा कड़ा हमला कर सकता है."
दरअसल, इजरायल की ओर से उसके परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के जवाब में ईरान ने इजरायल पर कई हवाई हमले किए हैं. बताया जा रहा है कि, ईरानी हमलों में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, आईडीएफ़ का कहना है कि वह ईरान पर अपने हवाई हमले अब भी जारी रखे हुए है.