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India Daily

ईरान समर्थित आतंकवादियों ने इराक में अमेरिकी एयरबेस पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, कई घायल

पश्चिमी इराक में ईरानी समर्थित आतंकवादियों की ओर से अल-असद एयरबेस को निशाना बनाकर कई बैलिस्टिक मिसाइलें और रॉकेट लॉन्च किए गए. हालांकि, अधिकांश मिसाइलों को बेस की एयर डिफेंस सिस्टम की सहायता से रोक दिया गया.

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Edited By: Om Pratap
Iran backed militants launch ballistic missiles at US airbase

हाइलाइट्स

  • यमन के अधिकांश इलाकों पर हूतियों का कब्जा
  • 18 जनवरी को हूती संगठन के ठिकानों पर किए थे हमले

Iran backed militants launch ballistic missiles at US airbase: पश्चिमी इराक में ईरान समर्थित आतंकवादियों की ओर से शनिवार को पश्चिमी इराक में अमेरिका के अल-असद एयरबेस को निशाना बनाया गया. जानकारी के मुताबिक, आतंकियों की ओर से अमेरिकी एयरबेस पर कई रॉकेट और बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं. बताया जा रहा है कि मिसाइल हमले में कई अमेरिकी कर्मी घायल हो गए. यूएस सेंट्रल कमांड ने अमेरिकी एयरबेस पर हमले और सैनिकों के घायल होने की पुष्टि की है. 

CENTCOM ने कहा कि कई अमेरिकी सैनिकों को गंभीर चोटें आई हैं. फिलहाल, उनका इलाज जारी है. बताया जा रहा है कि हमले में एक इराकी सैनिक भी घायल हो गया. यूएस सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी दी. पोस्ट में यूएस सेंट्रल कमांड की ओर से कहा गया कि 20 जनवरी को लगभग 6:30 बजे (बगदाद के समय के अनुसार), पश्चिमी इराक में ईरानी समर्थित आतंकवादियों द्वारा अल-असद एयरबेस को निशाना बनाकर कई बैलिस्टिक मिसाइलें और रॉकेट लॉन्च किए गए.

यूएस सेंट्रल कमांड ने बताया कि अधिकांश मिसाइलों को बेस की एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से रोक दिया गया था. फिलहाल, नुकसान का आकलन जारी है. कई अमेरिकी सैनिकों को चोटें आई हैं, जिनका इलाज जारी है. बता दें कि इससे पहले, अमेरिका ने एक हूती एंटी-शिप मिसाइल के खिलाफ हवाई हमले किए थे. 

अमेरिका की ओर से चौथी एहतियाती कार्रवाई

अमेरिका की ओर से कहा गया कि व्यापारिक जहाजों और अमेरिकी नौसेना के लिए खतरा महसूस किया जा रहा था, इसलिए आत्मरक्षा में मिसाइल हमला किया गया. बता दें कि हाल ही में अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक और हमला कर लाल सागर में तीन जहाज रोधी मिसाइलों को मार गिराया था. व्हाइट हाउस ने एक बयान में पुष्टि की कि लाल सागर में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी सेना की ओर से की गई ये चौथी एहतियाती कार्रवाई थी. 

18 जनवरी को हूती संगठन के ठिकानों पर किए थे हमले

इससे पहले 18 जनवरी को अमेरिका ने हूती संगठन के 30 ठिकानों पर जबरदस्त हवाई हमला किया था. दरअसल, इजरायल और हमास युद्ध के चलते यमन के विद्रोही संगठन हूती ने लाल सागर पर मर्चेंट जहाजों को निशाना बना रहा है. इसके चलते वैश्विक व्यापार प्रभावित हो रहा है. 

अमेरिका ने उन पर कार्रवाई भी की लेकिन फिर भी वो बाज नहीं आ रहे हैं. एक बार फिर से अमेरिका ने हूती संगठन पर नए सिरे से हमला करना शुरू कर दिया है. अमेरिकी सेना ने कहा था कि यमन के हूती संगठन ने अमेरिकी स्वामित्व वाले जहाज पर ड्रोन अटैक किया था. 

यमन के अधिकांश इलाकों पर हूतियों का कब्जा

बता दें कि यमन के अधिकांश क्षेत्रों पर हूतियों का कब्जा है.हूती संगठन, हमास के साथ खड़े हैं. वो फिलिस्तीनियों को एकजुट करने का काम कर रहा है. उसका कहना है कि इजरायल गलत कर रहा है. अमेरिका और ब्रिटिश हमलों को लेकर हूतियों का कहना है कि वो मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं साथ ही साथ वो अपने हमलों का विस्तार भी करेगा.

हूती संगठन को ईरान का साथ मिल रहा है. अमेरिका ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह हूतियों को हथियार देना बंद करें. हूतियों ने नवंबर महीने से ही लाल सागर और अदन की खाड़ी से होकर जाने वाली व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था. हूतियों के हमले के चलते एशिया और यूरोप के बीच व्यापार में कमी आई है. व्यापार बहुत धीमा हो गया है.