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India Daily

लंदन में भारतीय नागरिक को उम्रकैद की सज़ा, जानिए क्या है पूरा मामला

लंदन में एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म और एक महिला के साथ दुष्कर्म की कोशिश के मामले में 24 वर्षीय भारतीय युवक नवरूप सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. आयल्सवर्थ क्राउन कोर्ट ने उसे कम से कम 14 साल की सजा काटने के आदेश दिए हैं. पुलिस जांच में यह मामला बेहद गंभीर माना गया और आरोपी को सीसीटीवी फुटेज, फॉरेंसिक सबूतों और गवाहों की मदद से गिरफ्तार किया गया था.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: web

नवरूप सिंह को लंदन की एक अदालत ने पांच गंभीर अपराधों के तहत दोषी करार दिया है. इनमें 13 साल से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म, शारीरिक हमला, एक महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास और अपराध की नीयत से नकली हथियार रखने के आरोप शामिल हैं. पुलिस जांच ने इस केस को “महत्वपूर्ण” बताया और कहा कि इस सजा से एक खतरनाक यौन अपराधी को रोका गया है.

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्टिंग चीफ सुपरिंटेंडेंट सीन लिंच ने पीड़ितों और उनके परिवारों की हिम्मत की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस फैसले से यह साबित होता है कि हमारी जांच टीम की मेहनत और सटीकता ने एक गंभीर यौन अपराधी को गिरफ्तार कर आगे के नुकसान को रोका है. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, फॉरेंसिक रिपोर्ट और चश्मदीद गवाहों के बयानों के ज़रिए पुख्ता सबूत जुटाए और आरोपी को ट्रैक किया.

पहली घटना और जांच की शुरुआत

जांच की शुरुआत अक्टूबर 2023 में उस समय हुई जब एक 20 वर्षीय महिला ने attempted rape की शिकायत दर्ज कराई. यह घटना ईलिंग, वेस्ट लंदन के साउथॉल पार्क के पास हुई थी, जहां महिला को कुछ पुलिसकर्मी ड्यूटी पर नहीं होने के बावजूद मिल गए और वे उसे नजदीकी थाने ले गए.

नवरूप सिंह उस दिन सुबह-सुबह पार्क की बेंच पर बैठा एक शिकार की तलाश कर रहा था. उसने अपने द्वारा बनाए गए नकली हथियार की मदद से महिला को डराया और दुष्कर्म करने की कोशिश की.

बच्ची से किया दुष्कर्म

पहली शिकायत के बाद जांच शुरू ही हुई थी कि एक और घटना में एक बच्ची से दुष्कर्म किया गया है. यह दूसरी घटना किसी और पार्क में हुई, लेकिन पुलिस को इन दोनों मामलों के बीच समानता दिखी. इससे पुलिस को शक हुआ कि अपराधी एक ही हो सकता है. इसके बाद पुलिस ने अपने संसाधन बढ़ाए और अतिरिक्त फॉरेंसिक सबूत इकट्ठा किए. उन्होंने नवरूप सिंह के घर के पास पर्चे बांटे, गवाहों से अपील की और इलाके में गश्त बढ़ाई. इस तरह वे आरोपी के घर तक पहुंचे और उसे गिरफ्तार किया.

महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि

मेट पुलिस ने इस मामले में यह भी कहा कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकना उनकी प्राथमिकता है. वे लगातार प्रयास कर रहे हैं कि ऐसे खतरनाक अपराधियों को पकड़ा जाए, जो अक्सर और भी अपराधों में लिप्त रहते हैं. यह केस इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक सतर्क और समर्पित पुलिस टीम किसी भी अपराधी को पकड़ सकती है, चाहे वह कितना भी शातिर क्यों न हो.