नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और PTI प्रमुख इमरान खान पिछले काफी समय से जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ देशद्रोह से लेकर भ्रष्टाचार तक के कई गंभीर मामले दर्ज हैं. सेना से टकराव उनकी गिरफ्तारी की बड़ी वजह माना जाता रहा है.
अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं. पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य गलियारों में यह चर्चा तेज है कि इमरान खान और सेना नेतृत्व के बीच सुलह की जमीन तैयार हो रही है, जिसने पूरे देश का ध्यान खींच लिया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार PTI के पूर्व नेता फवाद चौधरी, इमरान इस्माइल और महमूद मौलवी राजनीति में बढ़ते तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. यह पहल राष्ट्रीय संवाद समिति के मंच से आगे बढ़ाई जा रही है. इसका मकसद PTI और पाकिस्तानी सेना के बीच संवाद की गुंजाइश बनाना बताया जा रहा है.
सूत्रों का कहना है कि यह समूह न केवल सेना से जुड़े एक अधिकारी बल्कि सरकार के कुछ मंत्रियों के भी संपर्क में है. बातचीत का उद्देश्य टकराव की राजनीति को खत्म करना और एक व्यावहारिक रास्ता निकालना है. माना जा रहा है कि यह प्रक्रिया काफी समय से शांत तरीके से चल रही है.
इस पूरी रणनीति में कोट लखपत जेल अहम केंद्र बनकर उभरी है. यहां बंद PTI नेताओं की रिहाई को सुलह की दिशा में पहला ठोस कदम माना जा रहा है. लक्ष्य यह बताया जा रहा है कि पार्टी के भीतर ऐसा नेतृत्व उभरे, जो मौजूदा हालात को समझते हुए नरम रुख अपनाने को तैयार हो.
इस पहल में प्रभावशाली प्रवासी पाकिस्तानियों की भी भूमिका सामने आई है. बताया जा रहा है कि सुलह की स्थिति बनने पर ये प्रवासी निवेश के जरिए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सहारा देने को तैयार हैं. यह आर्थिक पहल भी सेना और राजनीतिक नेतृत्व को करीब लाने का जरिया बन सकती है.
यदि इमरान खान और असीम मुनीर के बीच यह सुलह आगे बढ़ती है, तो पाकिस्तान की राजनीति में बड़ा बदलाव तय माना जा रहा है. इससे न केवल PTI को राहत मिल सकती है, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक अस्थिरता के दौर पर भी विराम लग सकता है.