भारत ने गुरुवार (17 जुलाई) को नाटो महासचिव मार्क रुटे की उस धमकी को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने रूस के साथ तेल और गैस व्यापार करने वाले देशों पर "100% द्वितीयक प्रतिबंध" लगाने की बात कही थी. भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को प्राथमिकता बताते हुए पश्चिमी देशों को दोहरे मापदंड अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी. यह बयान रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के रूस के साथ व्यापारिक संबंधों पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के जवाब में आया है.
भारत का स्पष्ट रुख
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हमने इस विषय पर रिपोर्टें देखी हैं और घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. मैं दोहराना चाहता हूं कि हमारे लोगों की ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस प्रयास में हम बाजार में उपलब्धता और वैश्विक परिस्थितियों से निर्देशित होते हैं. हम इस मामले में किसी भी दोहरे मापदंड के खिलाफ विशेष रूप से चेतावनी देते हैं." जायसवाल का यह कड़ा बयान भारत की ऊर्जा सुरक्षा को लेकर दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
नाटो प्रमुख की धमकी
नाटो महासचिव मार्क रुटे ने बुधवार को भारत, ब्राजील और चीन को कड़ी चेतावनी दी थी. अमेरिकी सीनेटरों के साथ मुलाकात के बाद रुटे ने कहा, "अगर आप चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री या ब्राजील के राष्ट्रपति हैं और रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं, उसका तेल और गैस खरीदते हैं, तो आपको पता होना चाहिए: अगर मॉस्को का व्यक्ति शांति वार्ता को गंभीरता से नहीं लेता, तो मैं 100 प्रतिशत द्वितीयक प्रतिबंध लगाऊंगा."
उन्होंने इन तीनों देशों के नेताओं से पुतिन को शांति वार्ता के लिए मनाने की अपील भी की. रुटे ने कहा, "कृपया व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति वार्ता को गंभीरता से लेना होगा, अन्यथा इसका भारी असर ब्राजील, भारत और चीन पर पड़ेगा."
भारत की वैकल्पिक रणनीति
भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रुटे की धमकी को हल्के में लेते हुए कहा कि भारत अपनी ऊर्जा आपूर्ति को गयाना, ब्राजील और कनाडा जैसे देशों से विविधता ला सकता है. इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी रूसी तेल खरीदने वाले देशों को 100 प्रतिशत टैरिफ की धमकी दी थी, अगर रूस 50 दिनों में यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करता.