Indian Army: भारतीय सेना अब तकनीक के जरिए अपनी निगरानी और लॉजिस्टिक क्षमता को बढ़ा रही है. इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सेना ने रोबोटिक म्यूल, जिन्हें मल्टी-यूज़िटी लेग्ड इक्विपमेंट (MULE) कहा जाता है, को लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर तैनात किया है.
सैनिकों का समर्थन
सेना के एक अधिकारी ने ANI से बातचीत में कहा, "रोबोटिक म्यूल भारतीय सेना द्वारा अपनाई गई कई नई तकनीकों में से एक हैं. हम अगली पीढ़ी के हथियार और उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं. इन म्यूलों का इस्तेमाल गश्त के लिए किया जा रहा है. इनमें लगे कैमरों की मदद से हम खतरे का पता जल्दी लगा सकते हैं. रोबोटिक म्यूल में सेंसर और कैमरे लगे हुए हैं. इन्हें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी इस्तेमाल किया गया."
#WATCH | Akhnoor, J&K | The Indian Army is using robotic mules or Multi-Utility Legged Equipment (MULE) to enhance surveillance and logistics along the Line of Control (LoC). pic.twitter.com/yCuNXPgyf0
— ANI (@ANI) October 19, 2025Also Read
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रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय सेना ने अब तक 100 रोबोटिक म्यूल खरीदकर उन्हें अपने फोर्सेज में शामिल किया है. इनका मुख्य उद्देश्य अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों का समर्थन करना और उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सामान एवं उपकरणों का परिवहन आसान बनाना है. एक रक्षा सूत्र ने द हिंदू को सितंबर 2024 में पुष्टि करते हुए कहा, "सेना ने चौथे चरण की आपातकालीन खरीद (EP) के तहत 100 रोबोटिक म्यूलों को शामिल किया है."
सुरक्षा और तकनीकी क्षमता को नई ऊंचाई
रोबोटिक म्यूल की तकनीकी विशेषताओं की बात करें तो यह सीढ़ियाँ, खड़ी ढलान और अन्य बाधाएँ पार कर सकता है. यह -40°C से +55°C तक के तापमान में काम कर सकता है और 15 किलोग्राम तक का वजन ले जा सकता है. AeroArc के अनुसार, ARCV MULE छोटे हथियार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और थर्मल विज़न सिस्टम, लूटरिंग म्यूनिशन, रोबोटिक आर्म और रासायनिक या रेडियोधर्मी सेंसर भी ले जाने में सक्षम है, जिससे स्थिति की बेहतर समझ और परिचालन लचीलापन मिलता है.
यह रोबोट IP-67 रेटिंग के साथ मजबूत निर्माण वाला है और -45°C से +55°C तक चरम परिस्थितियों में भी भरोसेमंद रूप से काम कर सकता है. इसकी वॉकिंग एंड्यूरेंस 3 घंटे और स्टैंडबाय मोड 21 घंटे तक है, जो सैनिकों के शारीरिक और मानसिक बोझ को कम करता है. भारतीय सेना का यह कदम सुरक्षा और तकनीकी क्षमता को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला माना जा रहा है.