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India Daily

भारत ने सीजफायर के लिए ट्रंप के ट्रेड वाले बयान को किया खारिज, कहा- संघर्षविराम के लिए नहीं हुई व्यापार की कोई बात

विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को बयान जारी कर बताया कि मई की सैन्य स्थिति के दौरान भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच बातचीत जरूर हुई थी, लेकिन उसमें व्यापार का कोई जिक्र नहीं हुआ.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
India rejected Donald Trump statement of trade for ceasefire with Pakistan
Courtesy: Social Media

भारत सरकार ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के लिए उन्होंने व्यापार के बदले मदद की थी. भारत ने साफ कहा है कि इस तरह की कोई बातचीत नहीं हुई थी.

विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को बयान जारी कर बताया कि मई की सैन्य स्थिति के दौरान भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच बातचीत जरूर हुई थी, लेकिन उसमें व्यापार का कोई जिक्र नहीं हुआ.

मंत्रालय ने बताया कि 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रुकने तक, भारत और अमेरिका के नेताओं के बीच हालात पर चर्चा हुई थी. लेकिन इन चर्चाओं में व्यापार की बात नहीं हुई.

डोनाल्ड ट्रंप ने किया था परमाणु युद्ध रुकवाने का दावा

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को टालने में भूमिका निभाई और दोनों देशों को व्यापार की धमकी देकर संघर्षविराम के लिए मजबूर किया. ट्रंप ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान युद्ध नहीं रोकते, तो उन्हें अमेरिका से कोई व्यापार नहीं मिलता.

इस पर विदेश मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा कि 10 मई को दोपहर 3:35 बजे भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (सेना के वरिष्ठ अधिकारी) के बीच फोन पर बातचीत के बाद संघर्षविराम पर सहमति बनी. यह कॉल पाकिस्तान की ओर से पहले अनुरोध के रूप में 12:37 बजे भेजी गई थी.

मंत्रालय ने बताया कि उस समय पाकिस्तान की ओर से हॉटलाइन कनेक्शन में तकनीकी परेशानी आ रही थी, जिसके चलते कॉल का समय तय करने में थोड़ा समय लगा. आखिरकार, भारतीय डीजीएमओ की उपलब्धता के अनुसार यह कॉल 3:25 बजे के आसपास तय हुई.

विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान के साथ सीजफायर की असली वजह भारतीय सेना की मजबूत जवाबी कार्रवाई थी. 10 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान वायुसेना के प्रमुख ठिकानों पर प्रभावी हमला किया, जिसके बाद पाकिस्तान ने खुद ही गोलीबारी रोकने की पहल की.

भारत आतंकी हमलों के जवाब में कार्रवाई कर रहा- MEA

अंतरराष्ट्रीय भूमिका को लेकर पूछे गए सवालों पर मंत्रालय ने कहा कि भारत ने सभी विदेशी नेताओं को वही जानकारी दी जो सार्वजनिक मंचों पर दी जा रही थी. हमारा संदेश साफ था - भारत सिर्फ आतंकी हमलों के जवाब में कार्रवाई कर रहा है. अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो भारत भी जवाब देगा; अगर वे रुकेंगे, तो भारत भी रुकेगा.

मंत्रालय ने यह भी बताया कि यही संदेश पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया. जब विदेशी नेताओं ने हमारी बात सुनी, तो उन्होंने शायद वही संदेश पाकिस्तान को भी दिया होगा.